जब शरीर में इंसुलिन की कमी होती है या उसका सही तरीके से उपयोग नहीं होता है, तो इसका परिणाम मधुमेह होता है।
टाइप 1 मधुमेह होने पर इसको बच्चों को इंसुलिन की कमी वाला माना जाता है इसका कारण यह है कि वे बहुत कम इंसुलिन बनाते हैं या नहीं बनाते हैं।
बच्चे को यदि मधुमेह है तो माता पिता को इन बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए।
व्यायाम शारीरिक गतिविधि रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित रखने में एक महत्वपूर्ण कारक है। अपने बच्चे को प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करने के लिए प्रेरित करें।
रक्त शर्करा निगरानी उपकरण कई ऐसे उपकरण उपलब्ध हैं जो माता-पिता को पूरे दिन अपने बच्चे के ग्लूकोज के स्तर पर नज़र रखने के लिए अपने पास रखने चाहिए।
आहार अपने बच्चे के रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए सबसे पहला कदम एक संतुलित आहार तैयार करना है।
दवाएं कई स्थितियों में, मधुमेह जैसी पूर्ववर्ती बीमारियों से ग्रसित बच्चों के लिए संतुलित रक्त शर्करा स्तर बनाए रखने हेतु औषधियों की आवश्यकता हो सकती है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।