भारत त्योहार प्रधान देश है, यहां रोजाना कोई न कोई त्योहार मनाया जाता है। कई बार एक ही त्योहार की देश के अलग-अलग हिस्से में अलग परंपरा है।
आज लोहड़ी है तो यहां जानते हैं लोहड़ी की अजब गजब परंपराएं ..
Lohri Date: साल 2025 में मकर संक्रांति 14 जनवरी को है और पौष पूर्णिमा, लोहड़ी 13 जनवरी को मनाई जाएगी।
मान्यता है कि इस दिन अग्नि, सूर्य और अन्न पूजा करने से यह ईश्वर को प्राप्त होता है।
इसलिए तिल, रेवड़ी, मूंगफली लोहड़ी में डालकर ईश्वर को धन्यवाद देते हैं। इसके बाद लोग पारंपरिक नृत्य संगीत का आनंद लेते हैं।
लोहड़ी की परंपरा : भारत के अलग-अलग हिस्सों में लोहड़ी की अलग परंपराएं हैं, जिनमें से कुछ रोचक हैं तो कुछ खतरनाक, आइये जानते हैं इन्हीं लोहड़ी की परंपराओं को ..
हिमाचल की खूनी लोहड़ी: हिमाचल के चंबा जिले के सुराड़ा में सदियों से खूनी लोहड़ी मनाई जाती है।
सुराड़ा क्षेत्र में लोहड़ी पर मढ़ियों पर कब्जे के लिए मारपीट होती है। लोग राज मढ़ी के प्रतीक मशाल को लेकर एक के बाद दूसरी मढ़ी पर जाते हैं और कब्जा करते हैं।
इसको लेकर मारपीट होती है। सिर फूटते हैं, लेकिन शिकायत नहीं करते। हालांकि यहां पुलिस तैनात रहती है।
लोहड़ी पर कई जगह बच्चे आग तापते हैं, नव विवाहिताओं को मायके बुलाया जाता है।
गुरुद्वारा बंगला साहिब और अन्य गुरुद्वारा के सरोवर में सिख समुदाय स्नान कर दान पुण्य करता है।
कई जगह लोहड़ी के दिन पूजा अर्चना के बाद लोहड़ी की दहकती लकड़ियों के टुकड़े या कोयले घर लाने की प्रथा है।
जिन घरों में लड़कों की शादी होती है या बच्चे का जन्म होता है, उनके घर से बच्चे लोहड़ी के दिन या कुछ दिन पहले मोहमाया का चंदा मांगते हैं।
मोहमाया के चंदे से लड़कियां लड़के अपने घरों में रेवड़ी बांटते हैं।
कई जगह दूसरे मोहल्लों की जलती लकड़ी लाकर अपने मोहल्ले की लोहड़ी में डालने का भी रिवाज है।
इसे लोहड़ी व्याहना भी कहते हैं, जिसके कारण कई बार झगड़े भी हो जाते हैं।
लोहड़ी का पर्व पंजाबी समुदाय में उत्साह से मनाया जाता है, बच्चों में इसको लेकर विशेष लगाव होता है।