ऊनी कपड़ों में फीकेपन का सबसे आम कारण धूल है, पहनने के बाद इन्हें ऊपर से नीचे तक लंबाई में इसको ब्रश करना होगा।
इन्हे हर बार पहनने के बाद धोने की ज़रूरत नहीं होती, हर चौथे से पांचवें इस्तेमाल पर धोना चाहिए या पूरे सीजन में सिर्फ 2 से 3 बार।
इन कपड़ों को हाथ से धोना सबसे सही है और जिन पर 'केवल ड्राई-क्लीन' लिखा है उन्हें वाशिंग मशीन से हलके डिटर्जेंट के साथ धोएं।
इन्हें सुखाने के लिए लटकाने के बजाए तौलिये पर सीधा रखकर, इसे गर्मी और सीधी धूप से दूर सूखने दें।
अलमारी में कपड़े रखने से पहले मोथबॉल्स बिखेरें ताकि उसमे पतंगे न लगे, लेकिन ध्यान रखें की वह कपड़ों को टच न करें।
मोथबॉल्स की जगह अलमारी या कंटेनर के नीचे सूखे नीम या पुदीने के पत्ते भी फैलाए जा सकते है।
आपको ऊनी कपड़ों पर इस्त्री नहीं करनी चाहिए। कपड़ो को एयर-ड्राई करना ही काफी होता है। स्त्री करें से कपड़े जल सकते है।