1945 में एमपी के शिवपुरी जिले की इसी हवेली में हुआ था जावेद अख्तर का जन्म.

इस हवेली में नन्हें कदमों से चलना सीखा, 3 साल की उम्र में परिवार के साथ छोड़ा शिवपुरी।

शिवपुरी के देहात थाना क्षेत्र के बड़ा बाजार कमलीगर मोहल्ले में स्थित हवेली की 40 फीट ऊंची दीवार गिर गई, पड़ोसियों से सूचना मिलते ही पहुंचे प्रशासनिक अमले ने ढहा दी जर्जर हवेली.

पड़ोसी बताते हैं कि जावेद अख्तर के दादा मुख्तार खैराबादी ग्वालियर स्टेट में जज थे, 1942 में अपने बेटे जां निसार अख्तर के साथ इसी हवेली में रहते थे।

जन्म के 3 साल बाद परिवार ग्वालियर शिफ्ट हो गया, ग्वालियर के बाद परिवार के साथ राजधानी भोपाल मे भी रहे जावेद अख्तर.

कभी मध्य प्रदेश और मुंबई की गलियों में संघर्ष के दिन काटने वाले जावेद अख्तर बॉलीवुड में एट्री करते ही मशहूर हो गए.

लिखी थी दीवार, जंजीर और शोले की कहानी और संवाद, आज भी नहीं भूले लोग।