भोपाल

30 सितंबर 2001 को दुनिया को अलविदा कह गए थे महाराजा माधवराव सिंधिया..


Sanjana Kumar

30 September 2024

यह किस्सा 1989 का है, जब चुरहट लाटरी कांड हुआ था। उस वक्त के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह थे और चुरहट ही अर्जुन सिंह का विधानसभा क्षेत्र था। उस समय अर्जुन सिंह पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया था। क्योंकि घोटाले में उनके परिवार के लोगों का नाम आ गया था।

तब तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की इच्छा थी कि माधव राव सिंधिया मध्यप्रदेश के मुखिया के रूप में प्रदेश की कमान संभालें। लेकिन, अर्जुन सिंह भी राजनीति के माहिर खिलाड़ी थे। वे इस्तीफा नहीं देने के अपने रुख पर अड़ गए।

मुख्यमंत्री के नाम के चयन के वक्त आखिरी दौर में जब माधवराव भोपाल आ गए और सीएम बनने का इंतजार कर रहे थे, तभी विवादों के बीच एक ऐसा समझौता हो गया, जिसके बाद मोतीलाल वोरा को मुख्यमंत्री बना दिया गया।