ओरछा का किला पहुंचकर आप जहां नजर घुमाएंगे वहां दूर-दूर तक पानी और हरियाली के नजारे दिल जीत लेते हैं। यह बेतवा नदी के आइलैंड पर स्थित है।
orchha का रामराजा मंदिर आज दुनिया भर में जाना जाता है, महल में स्थापित इस मंदिर की कहानी हैरान कर देती है। भगवान राम का इकलौता मंदिर जहां भगवान नहीं राजा के रूप में होती है श्रीराम की पूजा.
ओरछा का चतुर्भुज मंदिर जहां स्थापित होनी थी भगवान राम की प्रतिमा।
ORCHHA का लक्ष्मी नारायण मंदिर एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां किसी भी देवी-देवता की प्रतिमा स्थापित नहीं है।
ओरछा का राजा महल कलात्मक वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है। दीवारों और छतों पर बने भित्ती चित्रों में भगवान विष्णु , कृष्ण के स्वरूप, समुद्र मंथन, महाभारत के दृश्य टूरिस्ट को अट्रैक्ट करते हैं।
Orchha के फूल बाग की स्ट्रक्चरिंग टूरिस्ट को हैरान कर देती है। कतारबद्ध फव्वारे और इसमें पानी के प्रवाह की एक सरल तकनीक यहां बने चंदन कटोरा से जुड़़ती है। कटोरे जैसी इस संरचना में फव्वारों से पानी की बूंदें बारिश की तरह नीचे गिरती हैं और पूरे भवन को ठंडा रखती हैं।
ओरछा की लाइफ लाइन मानी जाने वाली बेतवा नदी के खूबसूरत किनारों पर सैर जरूर करें, यहां नाव की सवारी भी कर सकते हैं। यहां बेतवा का पानी इतना साप है कि पानी के अंदर की रेत आसानी से नजर आ जाती है।