विदिशा जिले की सिरोंज तहसील मुख्यालय 85 किलोमीटर दूर है। ऐसे में वहां के लोगों को जिला मुख्यालय तक आने में समय और पैसों की बर्बादी दोनों होती है। विदिशा जिला मुख्यालय से अधिक दूरी सिरोंज के विकास को भी प्रभावित कर रही है। मांग है कि 60 हजार से अधिक आबादी वाले सिरोंज क्षेत्र को जिला बनाया जाए। साथ ही पास की लटेरी तहसील व सबसे बड़ी ग्राम पंचायत आनंदपुर को भी नए जिले में शामिल किया जाए। हालांकि, आनंदपुर पंचायत को गुना जिले में शामिल करना भी वहां के आबादी के लिए राहत भरा होगा।
गुना जिला मुख्यालय की दूरी आनंदपुर से सिरोंज के बराबर ही है। सिरोंज के अलावा दूसरी तहसील गंजबासौदा को भी लंबे समय से जिला बनाने की मांग उठ रही है। 90 हजार से अधिक आबादी वाली तहसील की जिला मुख्यालय से दूरी 55 किलोमीटर है। यहां आबादी अधिक होने के चलते विकास प्रभावित होने का हवाला दिया जा रहा है। तर्क है कि गंजबासौदा जिला बना तो क्षेत्र का तेजी से विकास होगा। गंजबासौदा में सागर व रायसेन जिले के सीमावर्ती इलाके शामिल हो सकते हैं।
मंडीबामोरा की विसंगति होगी दूर
मंडीबामोरा क्षेत्र में दो ग्राम पंचायत सिहोरा व बामोरा आती हैं। इनमें सिहोरा तो विदिशा जिले का हिस्सा है, लेकिन बामोरा सागर जिले में आता है। परिसीमन में इस विसंगति के दूर होने की उम्मीद है। बामोरा पंचायत के सरपंच दामोदर राय का कहना है कि मंडीबामोरा के सबसे नजदीक बीना है। बीना को जिला बनाने के साथ ही बामोरा व सीहोरा दोनों पंचायत को उसमें शामिल किया जाए तो विसंगति दूर होने के साथ ही विकास भी होगा। इन दोनों पंचायतों को जिला मुख्यालय दूर होने की समस्या भी समाह्रश्वत होगी।टोंक रियासत में सिरोंज पहले था जिला
आनंदपुर हायर सेकंडरी स्कूल के सेवानिवृत्त प्राचार्य मुकुट बिहारी श्रीवास्तव बताते हैं कि सिरोंज राजस्थान के टोंक रियायत में एक जिला था। इसे फिर से जिले का दर्जा मिलना चाहिए। इससे आस-पास की ग्राम पंचायतों को राहत मिलेगी। सबसे अधिक राहत आनंदपुर क्षेत्र को मिलेगा। जिले की सीमा का अंतिम छोर बड़ा गांव है। जिला मुख्यालय से करीब 110 किलोमीटर दूर होने के चलते लोग निजी कार्य के लिए गुना जाना ज्यादा बेहतर समझते हैं।कुरवाई तहसील के विस्तार की मांग
जिलों के नए परिसीमन के बीच कुरवाई नगर परिषद के विस्तार की भी मांग उठ रही है। जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष सीताराम सैनी बताते हैं कि इस नगर परिषद में भौरासा, बरेठा, खिरिया, जरगुवा, पीरौठा, हिनौता व बुखारा को मिलाने से नगर पालिका बनाने का आधार पूरा होगा। नगर परिषद को नगर पालिका बनाए जाने की जरूरत है।चाहत पूरी हुई तो मिलेगी यह राहत
0-जिला मुख्यालय तक आने में लंबी दूरी नहीं तय करना पड़ेगा।0-उपेक्षित क्षेत्रों की उचित मॉनिटङ्क्षरग से विकास में तेजी आएगी।
0-जिले की परिसीमन से ग्राम पंचायतों की विसंगतियां दूर होंगी।
0-परिसीमन में जिला छोटा होगा, इससे विकास में तेजी आएगी।