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जलस्तर में तेजी से वृद्धि और राहत कार्य गंगा के जलस्तर में हो रही तेजी से वृद्धि ने जिला प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। प्रशासन ने बाढ़ के संभावित खतरों को देखते हुए 40 से अधिक राहत शिविरों की स्थापना की है, जहां प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। अब तक 150 से अधिक परिवारों ने इन राहत शिविरों में शरण ली है। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि राहत शिविरों में पर्याप्त भोजन, पानी और चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जाए, ताकि प्रभावित लोग सुरक्षित रह सकें। यह भी पढ़ें
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सहायक नदियां भी उफान पर गंगा के साथ-साथ उसकी सहायक नदियां भी उफान पर हैं, जिससे बाढ़ की स्थिति और भी भयावह हो रही है। जलस्तर में हो रही लगातार वृद्धि के कारण निचले इलाकों में पानी भरने लगा है, जिससे सड़कों और घरों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में नावों और बचाव दल को तैनात किया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। यह भी पढ़ें
प्रशासन ने जारी की चेतावनी जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे गंगा किनारे न जाएं और किसी भी आपातकालीन स्थिति में प्रशासन के संपर्क में रहें। स्थानीय नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर शरण लें और प्रशासन द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन करें। यह भी पढ़ें
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बाढ़ राहत शिविरों में व्यवस्था प्रशासन ने बाढ़ राहत शिविरों में रहने वाले लोगों के लिए पर्याप्त भोजन, पीने का पानी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। साथ ही, बच्चों और बुजुर्गों की विशेष देखभाल की जा रही है। प्रशासन की ओर से इन राहत शिविरों में लगातार निगरानी की जा रही है, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। यह भी पढ़ें
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स्थिति का लगातार जायजा प्रशासनिक अधिकारी लगातार जलस्तर की निगरानी कर रहे हैं और आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट पर रखा गया है। स्थानीय प्रशासन ने एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीमों को भी अलर्ट पर रखा है, ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत राहत और बचाव कार्य किए जा सकें। मौसम विभाग ने भी अगले कुछ दिनों में भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे गंगा का जलस्तर और बढ़ सकता है। यह भी पढ़ें