एटीएस की पूछताछ में अब्दुल्ला ने बताया कि वह मूल रूप से म्यांमार के मांगडू के अकयाब जनपद का रहने वाला है। उसने पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले में थाना गढ़बेटा के दुर्गबनकटी के निवासी के रूप में अपना आधार और अन्य दस्तावेज तैयार कराया। उसने अब्दुस सलाम मंडल पुत्र असगर मंडल के नाम से फर्जी आधार बनवाया है। अब्दुल्ला के पास से एक मोबाइल फोन, तीन मेमोरी कार्ड, अब्दुस सलाम मंडल के नाम का आधार, निर्वाचन और पैन कार्ड, यूएनएचसीआर कार्ड, 1070 रुपये बरामद हुए हैं।
2018 में हुई थी अब्दुल्ला की शादी
एटीएस वाराणसी इकाई के हत्थे चढ़ा म्यांमार निवासी घुसपैठिया मो. अब्दुल्ला ने मेदिनीपुर में छह साल पहले शादी की, फिर प. बंगाल का बाशिंदा बन गया था। उसने 2018 में शादी की। इस समय उसे छह बच्चे हैं। एटीएस उसकी पत्नी का भी ब्यौरा जुटा रही है। यह भी पढ़ें
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मोबाइल फोन से मिले कई फर्जी दस्तावेज
आरोपी से बरामद मोबाइल फोन में उसके गिरोह की गतिविधियों से जुड़े कुछ व्हाट्सएप ग्रुप मिले हैं। ग्रुप में जुड़े सभी नंबरों को एटीएस ने निकलवाया है। सभी के नाम-पता की तस्दीक कराई जा रही है। व्हाट्सएप ग्रुप पर पोस्ट की गई आपत्तिजनक सामग्रियों को सुरक्षित कर दिया गया है। ग्रुप के ज्यादातर सदस्य गिरोह से जुड़े बताए जा रहे हैं। मेमोरी कार्ड में भी कई तस्वीरें और दस्तावेज मिले हैं। वे बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के लिए भारत के नाम से तैयार फर्जी दस्तावेज हैं।ज्ञानवापी के बाद दालमंडी मस्जिद गया अब्दुल्ला
एटीएस ने उसके मोबाइल नंबर के जरिये उसका लोकेशन लिया। पता चला कि वह ज्ञानवापी मस्जिद के बाद दालमंडी की मस्जिद में भी गया था। फिर शहर में सवारी वाहन से घूमा, कुछ जगहों पर पैदल भी भ्रमण करता रहा। गुरुवार रात वह छावनी, नदेसर होते हुए कई जगह गया था। शुक्रवार दोपहर मस्जिदों में गया था। वह वापस जाने के लिए कैंट स्टेशन के पास पहुंचा था, तभी दबोचा गया। यह भी पढ़ें