बनारस ना केवल मंदिर और धार्मिक परंपराओं के लिए फेमस है। बल्कि यह घाटों और अपनी गलियों के लिए भी जाना जाता है। देखें बनारस की दस गलियों को…
•Nov 26, 2022 / 08:30 pm•
Adarsh Shivam
विश्वनाथ गली
वाराणसी में विश्वनाथ गली शॉपिंग के लिए फेमस है। यह गली काफी चहल-पहल वाली है। इसमें तरह-तरह के सामान सस्ते दामों पर बिकते हैं। यहां मॉडर्न कपडे से लेकर शादी के कपड़े तक मिलते हैं। घर की सजावट के सामान से लेकर देवताओं की मूर्ति तक यहां मिलती हैं। यह गली स्नैक्स और मिठाइयों के लिए भी फेमस है।
कचौरी गली
स्वादिष्ट और तले हुए भोजन के लिए वाराणसी की कचौरी गली बहुत फेमस है। यहां आपको चटपटे स्वाद वाला खाना खूब मिलेगा। इस गली में जब आप जाएंगे तो दुकानों के बाहर बड़ी-बड़ी कढाईयां देखने को मिल जाएगी। इन कढ़ाईयों से उठती खुशबू आपको अपनी ओर खींच लेगी।
गढ़वासी टोला गली
इस गली का घाट फेमस है। इसी घाट पर मगध के राजा ने भगवन शिवजी और दुर्गा माता का मंदिर बनवाया था। इस वजह से यहां दूर-दूर से लोग दर्शन करने आते हैं। इस घाट को प्रसिद्ध घाट इसलिए भी माना जाता है क्योंकि यहां चिता की आग कभी भी ठंडी नही होती है।
सप्तसागर गली
यह गली टाउनहाल मैदान के गेट के ठीक सामने से शुरू होती है। इस गली में पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवा मंडी है। इस गली में दवाई लेने के लिए काफी लोग हर रोज आते हैं।
विन्ध्यवासिनी गली
इस गली में विन्ध्याचल माता का मंदिर है। इस वजह से इसे विन्ध्यवासिनी गली कहा जाता है। जो मिर्जापुर में स्थित विन्ध्याचल मंदिर की प्रतिमा का प्रतिरूप है। इस कारण मंदिर को विन्ध्वासिनी मंदिर कहा जाता है। इस गली में लोग माँ विन्ध्यवासिनी का पूजा करने आते हैं।
भूतही इमली की गली
यह गली मैदागिनी क्षेत्र में टाउनहाल मैदान के पीछे है। कहा जाता है कि इस गली में इमली का पेड़ था। पेड़ पर भूत और चुड़ैल निवास करती थी। इसकी वजह से लोग इधर जाने से डरते थे। इसी से गली का नाम पड़ा है।
नारियल गली
इस गली में नारियल, पूजा पाठ और विवाह से संबंधित सामान बिकते हैं। नारियल का बड़ा बाजार होने के कारण इस गली का नाम नारियल बाजार पड़ा है। यह गली चौक थाना के ठीक पीछे है। जो दालमण्डी गली में आकर मिलती है।
कालभैरव गली
यह गली विश्वेश्वरगंज में है। यह भैरोनाथ चौराहा से शुरू होकर कालभैरव मंदिर तक जाती है। कालभैरव जी काशी के कोतवाल हैं जो भगवान शंकर के प्रधान सेनापति हैं। ऐसी मान्यता है कि काशी में कोई व्यक्ति तभी निवास कर सकता है जब कालभैरव जी की अनुमति मिलती है। कालभैरव जी के नाम पर इस गली का नाम कालभैरव गली पड़ा।यहां के मोहल्ले का नाम भैरवनाथ है।
गोपाल मंदिर गली
यह गली बुलानाला से शुरू होकर गोपाल मंदिर तक जाती है। इस मन्दिर में गोपाल जी की अष्टधातु से बानी हुई मूर्ति है। ऐसी मान्यता है कि इस प्रतिमा की पूजा महारानी कुन्ती करती थीं। यह प्रतिमा महारानी कुन्ती ने स्थापित की थी। जन्माष्टमी के समय इस मन्दिर तथा गली को दुल्हन की जैसे सजाया जाता है।
गोला दीनानाथ गली
ये गली कबीरचौरा क्षेत्र में है। यहां भगवान दीनानाथ का मन्दिर होने से इसका नाम गोला दीनानाथ पड़ा है। इस मंडी में आने वाली सभी गलियों को गोला दीनानाथ की गली के नाम से जाना जाता है। इस मण्डी के चारों तरफ गलियां हैं।
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