लखनऊ. वाराणसी और प्रयागराज के बीच जल्द ही हाई स्पीड रैपिड रेल दौड़ेगी। योगी सरकार जल्द ही वाराणसी से प्रयागराज के बीच रीजनल रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आरआरटीएस) सेवा शुरू करने की तैयारी में है। इसकी रफ्तार 160 से 180 किलोमीटर प्रति घंटा के बीच हो सकती है। इसके लिये अलग काॅरिडोर बनाया जाएगा। रैपिड रेल पर कितना खर्च आएगा और इसे चलाना कितना फायदेमंद होगा, इस बात का परीक्षण करने का जिम्मा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवास विभाग को दिया है। रैपिड रेल शुरू होने के बाद धार्मिक दृष्टि से काफी अहम यूपी के दो शहरों के बीच आवागमन बेहद आसान और तीव्र हो जाएगा।
वाराणसी और काशी दोनों धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से यूपी के दो अहम और ऐतिहासिक शहर हैं। वाराणसी में जहां काशी विश्वनाथ मंदिर समेत सैकड़ों ऐतिहासिक मंदिर और गंगा घाट के साथ ही सारनाथ भी पर्यटन व धर्म की दृष्टि से बेहद खास है। इनका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। यहां लाखों श्रद्घालु और पर्यटक आते हैं। वाराणसी में निर्माणाधीन काशी विश्वनाथ मंदिर कारिडोर के पूरा हो जाने के बाद यहां पर्यटन और बढ़ेगा। इसी तरह प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम है जहां देश और दुनिया से आस्थावान स्नान दान करने पहुंचते हैं। यहां कुंभ और विभिन्न स्नान पर्व पर भी श्रद्घालु पहुंचते हैं। श्रद्घालु अमूमन दोनों शहरों में आजे जाते हैं। इसी को देखते हुए सरकार दोनों शहरों को जोड़ने के लिये बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने की कवायद में जुटी है।
मेट्रो से खर्चीली रैपिड रेल
अभी फिलहाल प्रयागराज और वराणसी नेशनल हाइवे और रेल मार्ग से जुड़ा है। रैपिड रेल के बाद दोनों शहरों के बीच आवागमन में काफी कम समय लगेगा। हालांकि यह मेट्रो रेल से अधिक खर्चीला प्रोजेक्ट है। अभी दिल्ली से गाजियाबाद, मेरठ रैपिड रेल काॅरिडोर पर तेजी से काम चल रहा है। इस परियाेजना पर 30,274 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कहा जा रहा है कि 2023 में रैपिड रेल चलाने की तैयारी है। जल्द ही वाराणसी और प्रयागराज के बीच भी रैपिड रेल को लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी।