दरअसल, 25 जनवरी को देर शाम ज्ञानवापी परिसर की एएसआई सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक की गई। दूसरे दिन यानी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस और जुमा होने के चलते पुलिस एक्शन में है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन ने सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर गंभीरता से नजर रखने के निर्देश दिए हैं। ताकि कोई भी अफवाह फैलाकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास करे तो उसका तत्काल खंडन कर संबंधित के खिलाफ प्रभावी तरीके से निरोधात्मक कार्रवाई की जा सके।
ASI ने वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में 18 दिसंबर को सील बंद लिफाफे में स्टडी रिपोर्ट सौंपी थी। इसी दिन हिंदू पक्ष ने कोर्ट से सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की थी, लेकिन मुस्लिम पक्ष ने इस पर आपत्ति जताई थी। हालांकि बाद में मुस्लिम पक्ष ने भी कोर्ट से कॉपी सौंपने की मांग की। इसके बाद बुधवार को ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों को देने का आदेश दिया था। इसकी कॉपी पक्षकारों को गुरुवार को कोर्ट से मिली है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की सर्वे रिपोर्ट में 32 जगह मंदिर से संबंधित प्रमाण मिले हैं। पक्षकारों ने जो सर्वे रिपोर्ट दी है, वह 839 पेज की है। इसे सार्वजनिक करते हुए हिन्दू पक्ष की ओर से केस की पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि सर्वे रिपोर्ट से साबित हो गया है कि ज्ञानवापी बड़ा हिंदू मंदिर था। उसे तोड़कर मस्जिद का रूप दिया गया। अब सील वजूखाने के सर्वे का कोर्ट में अनुरोध किया जाएगा।