बाबा विश्वनाथ के दर्शन की बदली व्यवस्था, 13 दिसंबर को पीएम मोदी करेंगे लोकार्पण, रुकेंगे तीन दिन
13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी आ रहे हैं। इस दौरान वह काशी के लोगों को प्रस्तावित काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर समर्पित करेंगे। इसे ध्यान में रखते हुए 10 दिसंबर तक कार्य पूरा किया जाना है।
PM Modi will inaugurate Kashi Vishwanath Dham on 13 December
वाराणसी. श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लोकार्पण से पहले बाबा के स्वर्ण शिखर के दर्शन की व्यवस्था पूरी तरह से बदल दी गई है। श्रद्धालुओं के लिए 29 और 30 नंबर को बाबा के दरबार सुबह 6 से शाम 6 बजे तक बंद रहे। एक दिसंबर को भी 24 घंटे के लिए दरबार के कपाट दर्शन करने आने वालों के लिए बंद रहे। दरअसल, 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी आ रहे हैं। इस दौरान वह काशी के लोगों को प्रस्तावित काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर समर्पित करेंगे। इसे ध्यान में रखते हुए 10 दिसंबर तक कार्य पूरा किया जाना है। इसलिए साज सज्जा के लिए एक दिसंबर तक मंदिर के कपाट बंद करने का फैसला किया गया। मंदिर का लोकार्पण राजयोग में किया जाएगा।
काशी में तीन दिन ठहरेंगे पीएम मोदी प्रधानमंत्री मोदी अपने ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करने 13 दिसंबर को वाराणसी आ रहे हैं। इस मौके पर तकरीबन एक महीने यानी 13 दिसंबर से लेकर मकर संक्रांति 14 जनवरी तक बनारस में बड़े स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी 13 को काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करने के बाद वहीं रात्रि विश्राम करेंगे। अगले दिन बरेका प्रेक्षागृह में महापौर सम्मेलन को संबोधित करेंगे। वह बरेका अतिथि गृह में ही ठहरेंगे। इसे देखते हुए अतिथि गृह नए तरीके से सजाया जा रहा है। 15 दिसंबर को देशभर से 200 महापौर के सम्मेलन में शामिल होंगे। महापौर सम्मेलन में पीएम ‘अपने-अपने शहरों में ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण की दिशा में बढ़ाए गए कदम’ पर चर्चा करेंगे।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की वर्तमान संरचना 18वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई द्वारा निर्मित है। इस लिहाज से भी कॉरिडोर क्षेत्र में मिले देवालयों की प्राचीनता इसके आसपास ही आंकी गई। इनमें 27 शिखर युक्त बड़े मंदिरों में से 17 की साज सजावट कराई जा रही है। इसके अलावा कॉरिडोर क्षेत्र में ही 27 मंदिर बनाए जा रहे हैं।
तीन दिन बाद दो दिसंबर को खुलेगा मंदिर
मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने इस संबंध में कहा कि 29 और 30 नवम्बर सुबह 6 से शाम 6 बजे तक मंदिर में दर्शन पर रोक थी और एक दिसंबर को 24 घंटे आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर बंद किए गए। ताकि मंदिर परिसर में जो मार्बल लग रहे हैं उसकी सफाई हो सके और बाकी जो छोटे-मोटे कार्य छूटे हैं उन्हें भी पूरा कर लिया जाए। दो दिसंबर से मंदिर खुल रहा है तो उसका भव्य और दिव्य स्वरूप दिखेगा जो जनता को समर्पित होगा।