फलों के राजा के रूप में पूरे देश में मशहूर बनारसी लंगड़ा आम की खुशबू लंदन के बाजारों को गुलजार करेगी। वह दिन दूर नहीं जब अंतरराष्ट्रीय बाज़ार के निर्धारित मानकों पर खारा उतरकर विभिन्न देशों से आई आमों की किस्मों को अपने स्वाद से टक्कर देगा। दुबई के बाजारों में पहुंचकर यह पहले ही वहां लोगों को अपने स्वाद का दीवाना बना चुका है। अब लंदन के जरिए यूरोप के बाजारों में यह अपनी उपस्थिति दर्ज कर आएगा। इसकी शुरुआत हो चुकी है। इस खेत में लंगा के साथ ही दशहरे और रामखेड़ा जैसी किस्में भी शामिल हैं। लंगड़ा आम वाराणसी से लंदन एक्सपोर्ट (Langra Aam Export to London from Varanasi) किया गया है।
लखनऊ में होगी पैकिंग, दिल्ली के रास्ते जाएगा लंदन
वाराणसी के राजा तालाब स्थित पैरिशेबल कार्गो (perishable cargo) से रवाना की गई आम की खेप पहले लखनऊ पहुंचेगी। वहां इसे मैंगो पैकिंग हाउस रहमान खेड़ा में पैक किया जाएगा। पैकिंग के बाद लखन एयरपोर्ट से इंडिया विमान के जरिए दिल्ली के रास्ते लंदन भेजा जाएगा।
अधिकारी बोले
वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि फलों व सब्जियों को भेजने की व्यवस्था जारी रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार एनपीपीओ, आईजीएआई एयरपोर्ट अथॉरिटी और मैंगो पैकहाउस के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है। किसानों की उपज को बेहतर और बड़ा बाज़ार मुहैया हो और उनकी फसल का ज़्यादा से ज़्यादा दाम मिले, इसी को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है। कमिश्नर ने आम निर्यातक किसानों से कहा कि आगामी दिनों में बनारस से बड़ी मात्रा में फल व सब्जियां निर्यात की जाएंगी।
बनेगा पैकिंग हाउस
कमिश्नर ने राजातालाब स्थित पेरिशेबल कार्गो सेंटर में अगले एक माह के अंदर पैकेजिंग के लिए पैकहाउस स्थापित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि वेट सोइल्टिंग एवं ग्रेडर मशीन कार्गो सेंटर में पहले से ही लगी है। यहां पैकेजिंग की व्यवस्था हो जाएगी तो सीधे वाराणसी से हो फल एवं सब्जियां विदेश भेजी जा सकेंगी।
सुपर मार्केट में भी बढ़ी मांग
एक तरफ लंगड़ा आम विदेश भेजा जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर देश मैं भी सुपर मार्केट मी इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। बीते दिनों बनारस का आम दिल्ली के सुपर मार्केट में भेजा गया था। इसके बाद से यहां भी इसकी मांग ने तेज़ी पकड़ी है। लंदन के साथ बनारस के लंगड़ा और चौसा आम की 12 मीट्रिक टन की बड़ी खेप बेंगलुरु के सुपर मार्केट में बिक्री के लिए भेजी गई।
किसानों को मिल रहा दोगुना दाम
पहले जहां लोकल मार्केट में आम के किसानों किसानों को उनकी फसल का रेट 20 से 25 रुपए ही मिल पाता था वहीं अब उनकी फसल विदेशी बाज़ारों में पहुंचने पर 45 रुपये प्रति किलो तक दाम मिल जा रहे हैं। अपनी फसल परम्परागत मंडियों के बजाय विदेशी बाज़ार और सुपर मार्केट तक पहुंचने और अच्छा दाम मिलने से किसान खुश हैं।