निमंत्रण में लिखा है- काशी में विराजमान बाबा विश्वनाथ का ज्योतिर्लिंग द्वादश ज्योर्तिलिंग में प्रमुख स्थान पर है। मध्यकाल में मुगलों ने इस पावन स्थल को भारी क्षति पहुंचाई थी। सन 1777-78 ई. में महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिर परिसर का पुनर्निर्माण कराया था। कालांतर में 19वीं सदी में महाराजा रणजीत सिंह ने मंदिर पर स्वर्ण शिखर लगवाया था। लगभग 200 वर्षों के बाद भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो संसद में काशी लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व भी करते हैं, उनके द्वारा काशी की पुरातन आत्मा को संरक्षित रखते हुए नए कलेवर में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम परिसर के नवनिर्माण को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया गया है। नवीन श्रीकाशी विश्वनाथ धाम परिसर उन्हीं परिकल्पनाओं का मूर्त रूप है।
इस तरह होगा कार्यक्रम प्रधानमंत्री मोदी गंगा के रास्ते से वाराणसी आएंगे। इसके बाद काशी विश्वनाथ का लोकार्पण करेंगे व यहां पूजा अर्चना करेंगे। मंदिर को गेंदे सहित अन्य फूलों से सजाया गया है। लोकार्पण के बाद काशी के अर्धचंद्राकार घाटों पर सजने वाली शिव दीपावली में भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री क्रूज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी करेंगे। इस दौरान उत्तर प्रदेश और बिहार के उप मुख्यमंत्री भी प्रधानमंत्री का स्वागत करेंगे। पीएम मोदी क्रूज पर मुख्यमंत्रियों के साथ जलविहार कर घाटों पर मनाए जाने वाले उत्सव को निहारेंगे। इसी के साथ वे मुख्यमंत्रियों से संवाद भी करेंगे।
साधु संतों को भी भेजा न्योता मुख्यमंत्रियों के अलावा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के अवसर पर वाराणसी के अलावा देश विदेश के विद्वान और साधु-संतों को काशी में आने का न्योता भेजा गया है। कुल 4000 लोगों के शामिल होने की व्यवस्था की गई है। उद्घाटन का लाइव प्रसारण होगा। इसके लिए चैनलों के अलावा धार्मिक स्थलों, चौराहों पर टीवी स्क्रीन लगाया जाएगा।