कॉरिडोर से साधेगी राजनीतिक हित योगी सरकार इस कार्यक्रम में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बहाने भाजपा सरकार पूर्वांचल, हिन्दुत्व और विकास का संदेश देने जा रही है। प्रधानमंत्री का ड्रीम प्राजेक्ट होंने के नाते योगी सरकार इसे ऐतिहासिक बनाने में जुटी हुई है। सीएम योगी आदित्यनाथ आठ से 14 दिसंबर तक काशी में ही रहेंगे।
मुख्यमंत्रियों की बैठक काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के साथ ही कई बड़े कार्यक्रम होने वाले हैं। जिसमें 14 दिसंबर को भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक होगी। जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री करेंगे। मंदिर में कैबिनट बैठक
देश में पहली बार किसी सरकार की कैबिनट बैठक किसी मंदिर में होगी। ऐसी योजना बनाई जा रही है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो 16 दिसंबर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में योगी सरकार की कैबिनेट की बैठक होगी। हालांकि 15 दिसम्बर से ही विधानमंडल का सत्र आहूत होने की वजह से तिथि में बदलाव संभव है। वर्ष 2019 के प्रयागराज कुंभ मेला में योगी कैबिनेट की ऐतिहासिक बैठक संगम तट पर हुई थी।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का पुनरुद्धार अहिल्याबाई होलकर ने वर्ष 1669 में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का पुनरुद्धार किया गया था। 352 वर्ष के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र ने वर्ष 2018 में श्री काशी विश्वनाथ धाम का 400 करोड़ रुपए से पुनरुद्धार की योजना बनाई। जिसमें 50 हजार वर्ग मीटर में श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का निर्माण किया गया। कॉरिडोर में 63 ऐतिहासिक मंदिर हैं।
एक माह चलेगा आयोजन लोकार्पण के साथ ही काशी में एक महीने तक चलने वाले आयोजनों की शुरुआत भी हो जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी 13 से 23 दिसंबर तक तीन बार काशी विश्वनाथ धाम से रूबरू होंगे। किसानों से संवाद के लिए 23 दिसंबर को दोबारा काशी आएंगे।
– काशी विश्वनाथ कॉरिडोर लोकार्पण 13 दिसंबर
– भाजपा के मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन 14 दिसम्बर
– काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में कैबिनेट बैठक 16 दिसंबर प्रस्तावित सपा अपना चुनाव चिन्ह बदल कर एके 47 रख ले : नरेश अग्रवाल
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