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वाराणसी

Holi-2023 : बनारस के होनहार ने बनाई साउंड सेंसर्ड पिचकारी, हैप्पी होली कहते ही रंग से करेगी सराबोर

काशी के कलाम श्याम चौरसिया के निर्देशन में कक्षा 8 के स्टूडेंट ने की है तैयार।

वाराणसीMar 06, 2023 / 06:53 pm

Patrika Desk

sound sensor pichkari

वाराणसी। रंगों के त्यौहार होली एक-दुसरे पर छुप कर रंग डालने का मजा ही कुछ और है। ऐसे में काशी के होनहार ने प्रोटोटाइप साउंड सेंसर्ड डिजिटल पिचकारी बनाई है, जो हैप्पी होली कहते ही रंगों से सराबोर कर देती है। कशा 8 में पढ़ने वाले होनहार के इस आविष्कार की सभी लोग चर्चा कर रहे हैं। आयुष यादव ने बताया कि यह डिजिटल साउंड सेंसर्ड पिचकारी खासकर दिव्यांग बच्चों के लिए बनाई गयी है जो अपना बचपन व्हील चेयर पर बैठकर बिताते हैं।

क्लास 8 के छात्र हैं आयुष

कक्षा 8 के छात्र आयुष ने आवाज से रंगों की बौछार करने वाली पिचकारी बनाई है। डिजिटल पिचकारी बनाने वाले छात्र आयुष का कहना है की हमारी पिचकारी सभी बच्चों के लिये है। ये एक यूनिक आईडिया है जिसकी मदद से हम पिचकारी को हाथ लगाये बिना हैपी होली कहकर संचालित कर सकते। इसमें यूजर की आवाज को डिटेक्ट करने की क्षमता है।

दिव्यांगों के लिए खास

आयुष ने बताया कि यह प्रोटोटाइप पिचकारी दिव्यांग बच्चों के लिए खास तौर पर डिजाइन की गयी है। इससे वो भी होली का आनंद ले सकेंगे। देश में ऐसे लाखों बच्चे हैं जो अपना बचपन व्हील चेयर पर ही बिता देते हैं।

कैसे करती है काम

वाइस सेंसर्ड डिजिटल पिचकारी कैसे काम करती है के सवाल पर आयुष ने बताया कि डिजिटल पिचकारी में एक माइक लगा है जो हैप्पी होली के कोड से संचालित होता है। जब हम पिचकारी में लगे माइक में हैप्पी होली बोलते हैं तो पिचकारी में लगे वाटर पम्प को माइक 2, से 3, सेकेण्ड के लिये ऑन कर देता है जिससे पिचकारी में लगे कंटेनर में भरे वाटर कलर को प्रेशर के साथ स्प्रे करता है। ये पिचकारी 10 मीटर दूर तक वाटर कलर फेक सकती है। इसे बनाने में 3 दिन का समय लगा है और कुल 250 रूपये खर्च आया है।

काशी में प्रतिभा की कमी नहीं

आयुष ने बताया कि हमारे लैब में कलाम इन्नोवेशन लैब है जिसमे समय समय पर काशी के कलाम कहे जाने वाले श्याम चौरसिया हमारे मार्गदर्शन को आते रहते हैं। वहीं patrika.com से बात करते हुए श्याम चौरसिया ने बताया कि काशी में प्रतिभा की कमी नहीं है बस उसे निखारने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को चाहिए की काशी की प्रतिभाओं को मंच प्रदान करें ताकि वो भी प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र का नाम रौशन कर सकें।
कौन हैं काशी के कलाम
श्याम चौरसिया को सभी काशी के कलाम के नाम से जानते हैं। वाराणसी दौरे पर आये मिसाइल मैन तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने श्याम चौरसिया के प्रोटोटाइप मॉडल की तारीफ़ की थी। श्याम ने एक ऐसा रोबोट बनाया था जो आतंकवादियों के खेमे में जा कर उनपर हमला करने में सक्षम था। ये रोबो सोल्जर पहला सम्पूर्ण प्रोटोटाइप मॉडल था। श्याम चौरसिया कई टेक्नीकल स्कूलों में स्टूडेंट्स को सिखाते हैं और अभी तक 150 से 200 प्रोटोटाइप मॉडल बना चुके हैं, जिसमे महिला आत्मरक्षा के लिए बनाई गयी सैंडिल और पर्स को काफी सराहा गया।

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