ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने का अधिकार जिलाधिकारी को सौंपने की मांग की गई है। कोर्ट में आज सिविल जज की अदालत से जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने की अपील पर सुनवाई होगी। इसके खिलाफ अंजुमन ने पुनरीक्षण याचिका दाखिल किया है। वहीं, इस मामले में काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट ने अपना पक्ष रखने के लिए अदालत से समय मांगा था।
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30 सितंबर को मंदिर प्रशासन रखेगा अपना पक्षयाचिका के स्थानांतरण के संबंध में विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट जिला जज की अदालत में आज अपना पक्ष रखेगा। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान मंदिर ट्रस्ट के अधिवक्ता रवि कुमार पांडेय ने कोर्ट से पक्ष रखने के लिए समय देने की मांग की। इस पर अदालत में 30 सितंबर को सुनवाई करने का फैसला लिया था।
मस्जिद पक्ष की ओर से अदालत में दिया गया था प्रार्थना पत्र
दरअसल, नौ अगस्त को ज्ञानवापी परिसर में चल रहे सर्वे पर रोक के लिए अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद ने जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया था। इसमें मस्जिद पक्ष की तरफ से कहा गया था कि मंदिर पक्ष की तरफ से सर्वे के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं जमा किया गया, जबकि नियम के अनुसार, उन्हें कमीशन की कार्यवाही शुरू होने के पहले उसमें होने वाले खर्च को जमा किया जाना चाहिए।
दरअसल, नौ अगस्त को ज्ञानवापी परिसर में चल रहे सर्वे पर रोक के लिए अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद ने जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया था। इसमें मस्जिद पक्ष की तरफ से कहा गया था कि मंदिर पक्ष की तरफ से सर्वे के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं जमा किया गया, जबकि नियम के अनुसार, उन्हें कमीशन की कार्यवाही शुरू होने के पहले उसमें होने वाले खर्च को जमा किया जाना चाहिए।
सर्वे के लिए एएसआई को कोई रिट जारी नहीं की गई। इसके साथ ही उन्हें सर्वे की कार्यवाही के संबंध में कोई जानकारी लिखित रूप में नहीं दी गई थी। न्यायालय द्वारा आदेश के अनुपालन के संबंध में भी उन्हें बताया नहीं कराया गया था। इसलिए सर्वे की कार्यवाही नियम के खिलाफ है और उसे रोकने के लिए आदेश देने की प्रार्थना किया था।