बता दें कि मंदिर प्रशासन ने 22 जून को ही यह निर्णय लिया था कि सावन में कोई भी भक्त गर्भ गृह में नहीं जाएगा। बल्कि मंदिर के द्वार से ही दर्शन होगा। वहीं से जलाभिषेक भी किया जा सकेगा। जलाभिषेक के लिए खास व्यवस्था की गई थी कि भक्त गर्भगृह के द्वार से ही जल चढाएंगे जो सीधे बाबा विश्वनाथ के शिवलिंग पर गिरेगा। ऐसा सावन में उमड़ने वाली श्रद्धालुओ की भीड के मद्देनजर किया गया था। ताकि किसी श्रद्धालु को दर्शन-पूजन में परेशानी न हो।
ये भी पढें-सावन में काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में नहीं जा सकेंगे भक्त, बदला जलाभिषेक का तरीका यहां यह भी बता दें कि हर साल चाहे सावन हो या महाशिवरात्रि बाबा विश्वनाथ के श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ता है। ऐसे में हर कोई शिवलिंग के स्पर्श की कोशिश करता है। ऐसे में छोटे गर्भगृह में श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। पिछले साल कई ऐसे वीडियो वायरल हुए जिसमें पुलिस वालों की ज्यादती दिखाई गई थी। वो भक्तों को खींच करते दिखाए गए थे। कई बार मंदिर के सुरक्षाकर्मियों और पुजारियों से कहा सुनी भी हो जाती थी। ऐसे में मंदिर प्रशासन ने तय किया था कि भीड़ के मौके पर श्रद्धालुओं को केवल झांकी दर्शन कराया जाएगा। यही सावन में हुआ भी और हर श्रद्धालु ने झांकी दर्शन लाभ अर्जित किया। किसी को किसी तरह की असुविधा नहीं हुई जबकि हर सोमवार को डेढ से दो लाख दर्शनार्थी आए और दर्शन-पूजन किया।
अब सावन खत्म होने के बाद भी वही व्यवस्था लागू रही। इस पर कई श्रद्धालुओं ने आपत्ति भी जताई। इस संबंध में पत्रिका ने कमिश्नर व काशी विश्वनाथ मंदिर विशिष्ट क्षेत्र के चेयरमैन दीपक अग्रवाल से बात की। अग्रवाल ने बताया कि बाबा के स्पर्श दर्शन पर रोक श्रद्धालुओं की सहूलियत के मद्देनजर ही लगाई गई थी ताकि मंदिर आने वाले सभी श्रद्धालु आसानी से दर्शन कर सकें। उन्होंने कहा कि सावन के अलावा हर महीने के सोमवार को मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा रहती है। ऐसे में सोमवार को भी गर्भगृह में प्रवेश व स्पर्श दर्शन प्रतिबंधित रहेगा। इसके अलवा जब भी भीड़ के आसार बनेंगे स्पर्श दर्शन की जगह झांकी दर्शन ही कराया जाएगा। वैसे नियमित यानी नेमी दर्शनार्थियों के लिए मंदिर का गर्भ गृह पहले ही खोला जा चुका है। इसी तरह सुबह मंगला आरती के बाद और अब सप्तश्री आरती से पहले भी भक्त आसानी से गर्भ गृह में जा कर बाबा का स्पर्श कर रहे हैं।
कोट ” काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ जब भी होगा, गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। भक्त स्पर्श दर्शन की जगह झांकी दर्शन ही करेंगे। विशेष महीनों या दिवस के अलावा हर सोमवार को भी भीड़ ज्यादा रहती है लिहाजा उस दिन भी झांकी दर्शऩ ही होगा।”- दीपक अग्रवाल, कमिश्नर, वाराणसी