वाराणसी. काशी और काशीवासी संकट में हों तो शिव से बड़ा मददगार कौन हो सकता है। जानलेवा कोरोना संक्रमण (Coronavirus) से जूझ रही काशी के लिये बाबा विश्वनाथ ने अपना खजाना खोल दिया है। एक तरफ जहां शिव की रसोई भूखों का पेट भर रही है वहीं दूसरी ओर मरीजों को दवा से लेकर चिकित्सकीय उपकरण और कोरोना मरीजों (COVID 19 Petient) की सेवा के लिये सेवादारों का इंतजाम भी काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) की ओर से किया जा रहा है। दानदाताओं से मिले चढ़ावे से काेविड 19 के संकटकाल में मानव सेवा का काम किया जा रहा है।
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास कोविड 19 जैसे बड़े संकट के समय लोगों की मदद के लिये न सिर्फ आगे आया है बल्कि अपने खजाने का मुंह भी खोल दिया है। मंदिर में आने वाला चढ़ावा अब लोगों की जान बचाने और उन्हें सांसें मुहैया कराने के लिये इस्तेमाल किया जा रहा है। काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट (Kashi Vishwanath Mandir Nyas) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (Chief Executive Officer) सुनील वर्मा ने मीडिया से बताया है कि मंदिर में आए चढ़ावे के पैसों को कोविड महामारी के संकट के समय कोरोना पीड़ित मरीजों के इलाज और उनकी चिकित्सकीय जरूरतों आदि के लिये खर्च किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि दीन दयाल अस्पताल (Deen Dayal Hospital Varanasi) के ऑक्सीजन प्लांट में दान दाताओं के के अलावा आने वाला खर्च काशी विश्वनाथ्ज्ञ मंदिर न्यास वहन करेगा। कोरोना में जरूरी दवाओं की किट मुहैया कराई जा रही है। इसके अलावा होमी भाभा कैंसर अस्प्ताल (Homi Bhabha Cancer Hospital) में मेडिकल उपकरण उपलबध कराने के साथ ही बीएचयू में तीन संविदा कर्मचारी भी काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की ओर से दिया गया है।
बाबा के दरबार से मलिेगी दवा की पोटली
बाबा दरबार की ओर से कोरोना पीडि़तों की मदद के लिये दवा की पोटली भी मुहैया करा रहा है। काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर से पांच हजार मरीजों के लिये बजट जारी किया जा चुका है। पीड़ितों को दी जाने वाली दवा के साथ सावधानी और सेहत का खयाल रखने के लिये नुस्खे भी शामिल हैं। इसमें पैरासीटामोल- 500 एमजी, एजिथ्रोमाइसिन- 500 एमजी, जिंक टैबलेट 40 एमजी औश्र विटामिन सी- 500 एमजी दवाएं शामिल हैं। साथ ही मरीजों को काढ़ा पीने, गरम पानी से गरारा और भाप लेने जैसे सुझाव भी दिये जाएंगे।
शिव की रसोई से कोरोना मरीजों को भोजन
रंगभरी एकादशी (Rangbhari Ekadshi) के समय शुरू हुई ‘शिव की रसोई’ (Shiv ki Rasoi) से भी कोरोना मरीजों की सेवा की जा रही है। शिव की रसोई शुरू होते ही जहां हर रोज 500 लोग प्रसाद ग्रहण करने लगे वहीं अब रसोई से कोरोना मरीजों के लिये भोजन भेजा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग से रोजाना संक्रमितों का डाटा लेकर उसके अनुसार परिवारों को उनके घर पर भोजन पहुंचाया जा रहा है। बताते चलें कि पांच मंजिले भवन में बनी ‘शिव की रसोई’ की शुरुआत पिछले साल पीएम नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने की थी। 13 करोड़ की लागत से बने इस भवन में अन्नक्षेत्र चलता है। काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने पिछले साल कोरोना महामारी और लाॅकडाउन में रोजाना दो हजार से ज्यादा पैकेट बांटे जाते थे।