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इस सीजन में आम की बेहतर पैदावार की उम्मीद है पर कोराेना कर्फ्यू और लाॅक डाउन के चलते स्थानीय बाजारों में वो रौनक नहीं। ऐसे में आम उत्पादकों की उम्मीद निर्यात पर टिकी है। बीते साल भी बनारस से लंगड़ आम की कई टन खेप दुबई और लंदन भेजी गई थी। इसके अलावा बेंगलुरू के सुपर मार्केट के लिये भी 12 टन आम भेजा गया था। अब इस बार भी कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण आम की बेहतर पैदावार के मद्देनजर पहले से ही बनारसी लंगड़ा व दसहरी के निर्यात की कोशिशें शुरू कर दीं।
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एपीडा ने इसके लिये विदेशी व्यापारियों, आयातकों, पैकेजिंग संस्थाओं और बनारस के आम आम उत्पादक/निर्यातक किसानों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठकें भी करायीं। इस दिशा में काम तेजी से हो रहा है। एपपीडा ने पांच किसान व एक एफपीओ का वाराणसी के बाबतपुर स्थित अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के कस्टम काउंटर पर रजिस्ट्रेशन करा दिया है।
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एपीडा के सहायक महाप्रबंधक डाॅ. सीबी सिंह की मानें तो अगले सप्ताह से निर्यात की पूरी तैयारी है। यूरोप और खाड़ी देशों से इस संबंध में बात हो रही है। लंदन से ऑर्डर भी मिला है। कोविड को देखते हुए कार्गो फ्लाइट से आम भेजे जाने की तैयारी है। हालांकि अभी फ्लाइट को लेकर तस्वीर साफ होनी बाकी है।
बताते चलें कि बनारस का लंगड़ा आम अपने स्वाद के चलते बेहद मशहूर है और इसकी देशके बाजारों में काफी डिमांड रहती है। वाराणसी के चिरईगांव, आराजी लाइन, बड़ागांव, सेवापुरी आदि तकरीबन सभी इलाकों में बागबानी की जाती है। जिला उद्यान अधिकारी संदीप कुमार के मुताबिक इस बार जिले में 900 हेक्टेयर में 10,000 मीट्रिक टन दसहरी, लंगड़ा और चौसा आदि प्रजातियों के आम की पैदावार होने की उम्मीद है।