शिवपाल सिंह यादव से जब सैफई में मौजूद पत्रकारों ने दोनों के मेल मिलाप को लेकर पूछा क्या परिवार एक बार फिर एकजुट होगा तो उन्होंने कहा कि यह समय उनके भविष्य के कदम के बारे में कोई फैसला लेने का नहीं है। इस समय हम तय करने की स्थिति में नहीं है कि हमें क्या करना है क्या नहीं ? यह सब बयान उन्होंने भविष्य में बदले हुए राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए कहा है ।
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आपको बता दें कि शिवपाल सिंह समाजवादी पार्टी की स्थापना के समय से ही साथ हैं लेकिन 2012 विधानसभा चुनाव में सपा को पूर्ण रूप से जनाधार मिला तब मुलायम सिंह ने शिवपाल सिंह यादव की जगह अखिलेश यादव को डंके की चोट पर सीएम बना दिया । उस समय कोई कुछ नहीं मिला लेकिन 2016 में अखिलेश और शिवपाल के बीच खटास आ गई । अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। 2018 में शिवपाल सिंह ने नई पार्टी बनाई प्रसपा
शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश के बीच लड़ाई इतनी बढ़ गई कि शिवपाल सिंह यादव ने 2018 में नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा और प्रसपा का गठबंधन हो गया। चाचा शिवपाल सिंह यादव ने जसवंतनगर विधानसभा से सपा के चुनाव चिंह पर चुनाव लड़े और जीत हासिल की ।
शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश के बीच लड़ाई इतनी बढ़ गई कि शिवपाल सिंह यादव ने 2018 में नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा और प्रसपा का गठबंधन हो गया। चाचा शिवपाल सिंह यादव ने जसवंतनगर विधानसभा से सपा के चुनाव चिंह पर चुनाव लड़े और जीत हासिल की ।
2022 विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद अखिलेश ने विधायकों की मीटिंग बुलाई लेकिन उसमें शिवपाल सिंह को नहीं बुलाया । शिवपाल सिंह मीटिंग में बुलाए ना जाने से नाराज थे तो अखिलेश ने कहा कि शिवपाल सिंह मेरे पार्टी के सदस्य नहीं है उनकी अपनी पार्टी है, वह अपने संगठन पर ध्यान दें । इसके बाद दोनों में दूरी फिर बढ़ गई और गठबंधन टूट गया ।
नेता जी के निधन के बाद परिवार के सभी सदस्य दिखे एकजुट
जब मुलायम सिंह बीमार थे और गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। जहां पर उनका इलाज चल रहा था तब परिवार के सभी सदस्य बेटे अखिलेश, बहु डिंपल, छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव और चचरे भाई राम गोपाल यादव साथ में थे। उसके बाद नेता जी के निधन के समय अस्पताल से लेकर गांव तक सभी लोग एकजुट ही दिखे तभी से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव एक बार फिर साथ आ सकते हैं।
जब मुलायम सिंह बीमार थे और गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। जहां पर उनका इलाज चल रहा था तब परिवार के सभी सदस्य बेटे अखिलेश, बहु डिंपल, छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव और चचरे भाई राम गोपाल यादव साथ में थे। उसके बाद नेता जी के निधन के समय अस्पताल से लेकर गांव तक सभी लोग एकजुट ही दिखे तभी से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव एक बार फिर साथ आ सकते हैं।
मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा की सीट खाली हो गई है और चुनाव आयोग 6 महीनों के अंदर दोबारा चुनाव करायेगा। तब ही तय हो जाएगा कि दोनों नेता साथ आएंगे कि नहीं । मैनपुरी की सीट सपा का वारिस तय करेगा ।
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