दरअसल वृंदावन थाना क्षेत्र के अंतर्गत चैतन्य विहार फेस टू में 27 सितंबर 2022 को एक नौकर द्वारा ही वृद्ध दंपति को बंधक बनाकर अपने साथी के साथ मिलकर लूट की घटना को अंजाम दिया गया था। आरोपी नौकर दंपत्ति को बंधक बनाकर लाखों रुपए के जेवरात और नगदी लूटकर फरार हो गया था।
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चैतन्य विहार फेस 2 में रहने वाले विजय गर्ग के मकान में उमेश यादव नामक एक नौकर रहता था। उमेश यादव के घर में जब किसी परिजन की शादी थी तो उसने विजय गर्ग की पत्नी प्रेमलता से अपने घर जाने के लिए छुट्टी मांगी, लेकिन विजय गर्ग की पत्नी ने उमेश को वापस काम पर बुला लिया। उमेश भी काम पर आने के लिए तैयार हो गया। उमेश ने अपने गांव के रहने वाले राजेश को वृंदावन आने के लिए तैयार कर लिया। योजना बनाकर अपना अपना हिस्सा तय कर लिया। उमेश ने राजेश के वृंदावन आने से 2 दिन पहले नए नंबर से विजय गर्ग की पत्नी प्रेमलता को फोन करके कहा कि अब मेरा यह नंबर रहेगा। 15 सितंबर 2022 को राजेश उमेश की जगह विजय के घर में नौकर बनकर पहुंच गया और काम करने लगा। 25 सितंबर को पहला नौकर मदन छुट्टी लेकर विजयगढ़ के घर से अपने गांव चला गया।
इसी दौरान राजेश ने अपने भाई रंजन यादव को वृंदावन बुला लिया। 27 सितंबर 2022 को देर रात्रि जब वृद्ध दंपति ने राजेश से खाना लाने के लिए कहा तो राजेश व उसका भाई रंजन ने वृद्ध दंपत्ति को रस्सी से बांधकर डरा धमका कर अलमारी की चाबी ले ली। अलमारियों में रखे हुए 10 लाख रुपये व सोने-चांदी और हीरे जड़ित जेवरात लेकर भाग गया ।
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