उनका कहना है कि मंदिर की छत टपकने को लेकर कुछ लोगों ने भ्रम फैलाया है। मंदिर निर्माण उच्चतम गुणवत्ता से किया जा रहा है। माह में दो बार सीबीआरआई के इंजीनियर अयोध्या आकर निर्माण कार्यों की जांच करते हैं।
नागर शैली में सभी तरफ से मंदिर बंद नहीं किया जाता
गर्भ गृह में जल निकासी की समस्या को लेकर नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि साधु संतों की राय थी कि भगवान के स्नान और श्रृंगार के जल को एक कुंड में एकत्रित किया जाए। पानी निकासी के लिए सभी मंडप में परनाला बनाया गया है। इसके अलावा मंदिर के फर्श को इस तरह से बनाया गया है ताकि अपने आप पानी बाहर निकल सके। उन्होंने कहा कि नागर शैली में सभी तरफ से मंदिर को बंद नहीं किया जाता। मंदिर में मंडप के दाएं और बाएं तरफ का हिस्सा खुला हुआ है। इस कारण संभव है कि तेज बारिश होने पर मंदिर परिसर में छींटे आ जाएं। यह भी पढ़ें