यूपी न्यूज

Gauri Murder: गौरी की निर्मम हत्या करने वाले हिमांशु प्रजापति को मिली जमानत, जानिए पूरी घटना

लखनऊ का गौरी हत्याकांड एक बार फिर सुर्खियों में है। एकतरफा प्यार में प्रेमी हिमांशु प्रजापति ने गौरी की हत्या कर दी और जीवित अवस्था में ही उसके शरीर के कई टुकड़े आरी से कर दिए थे। इन टुकड़ों को बोरी में भरकर शहर के कई क्षेत्रों में फेंक दिया था। लचर पैरवी के चलते हिमांशु को जमानत मिल गई है।

लखनऊJun 13, 2024 / 09:38 am

Ritesh Singh

जिन्दा हालत में हिमांशु ने किये थे शरीर के कई टुकड़े

 Lucknow Gauri Murder: 9 साल पहले लखनऊ के जिस गौरी हत्याकांड ने पूरे शहर को झकझोर दिया था, उसके आरोपी हिमांशु प्रजापति को हाईकोर्ट से सोमवार को जमानत मिल गई। हिमांशु ने एकतरफा प्यार में गौरी के शरीर को आरी से टुकड़े-टुकड़े कर डाले थे और फिर इन टुकड़ों को बोरियों में भरकर शहीद पथ के किनारे अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया था। पुलिस ने वैज्ञानिक साक्ष्यों के साथ इस केस का पर्दाफाश किया था और चार्जशीट दाखिल की थी। हालांकि, कोर्ट में प्रभावी पैरवी न होने के कारण आरोपी को जमानत मिल गई। इस हत्याकांड का ट्रायल अभी भी चल रहा है।

अमीनाबाद की घटना

अमीनाबाद में रहने वाले व्यापारी शिशिर श्रीवास्तव की बेटी गौरी (19) विधि की पढ़ाई कर रही थी। वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। एक फरवरी 2015 को वह पिता की जैकेट लॉन्ड्री में डालने के लिए घर से निकली थी। उसने मां तृप्ति को बताया था कि उसे मंदिर जाना है और उसके बाद वह घर लौट आएगी। जब शाम चार बजे तक वह नहीं लौटी तो घर वालों ने उसका फोन मिलाया। हर बार फोन कोई लड़का उठाता और कहता कि गौरी अभी घर लौट आएगी। शिशिर ने कई बार उससे गौरी से बात करवाने को कहा, लेकिन उसने नहीं करवाया। इस पर उन्होंने अनहोनी की आशंका से अमीनाबाद पुलिस को सूचना दी।

कई टुकड़ों में मिला शव

दो फरवरी की सुबह शहीद पथ के पास एक बोरी में मांस के टुकड़े मिले। पुलिस ने टुकड़ों को कब्जे में लिया जिसमें कटे पैर भी थे। कुछ दूर झाड़ियों में एक और बोरी में टुकड़े मिले, जिसमें कटे हाथ और सिर था। पुलिस ने शिशिर और तृप्ति को अस्पताल ले जाकर शव की पहचान कराई। उन्होंने सिर देखकर उसकी पहचान अपनी बेटी के रूप में की। पुलिस ने गौरी की कॉल डिटेल निकलवाई लेकिन इससे कुछ खास पता नहीं चला।

हत्याकांड का खुलासा, सीसी फुटेज और सर्विलांस

सर्विलांस से पता चला कि गौरी की अंतिम चैट के समय लोकेशन तेलीबाग थी। इस दौरान एक सीसी फुटेज मिला जिसमें गौरी कुछ दूर पैदल चलती दिखी और बाद में एक बाइक पर बैठ गई। आरोपी का चेहरा साफ नहीं दिखा था लेकिन बाइक के आधार पर हिमांशु का पता चल गया। पुलिस ने हिमांशु को सात दिन बाद पकड़ा तो उसने कुबूल किया कि उसने एकतरफा प्यार में गौरी की हत्या की है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साबित हुआ कि गौरी की मौत से पहले उसके शरीर के टुकड़े किए गए थे। हिमांशु ने बताया कि उसने गौरी का गला घोंट दिया था और जब उसके शरीर के टुकड़े किए, तब वह कोमा में थी।

कोर्ट का फैसला और पुलिस की लापरवाही

इस हत्याकांड के ट्रायल के दौरान पुलिस की लापरवाही का फायदा आरोपी हिमांशु प्रजापति को मिला। एडवोकेट शिवम गुप्ता ने कोर्ट में कई तर्क रखे। सरकारी वकील ने पैरवी की लेकिन कुछ तथ्यों पर जवाब नहीं मिला। कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने 75 गवाह बनाए थे लेकिन इनमें से सिर्फ 14 गवाहों का ही परीक्षण कराया गया। बाकी गवाहों के बारे में कोई तथ्य पेश नहीं किए गए। कोर्ट ने मोबाइल की बरामदगी को फर्जी बताया और आरी पर मिले खून के निशान की फोरेंसिक जांच में भी खामियां पाईं।

हाईलाइट्स

जमानत मिली: हाईकोर्ट से आरोपी हिमांशु प्रजापति को जमानत
कई टुकड़ों में शव: गौरी के शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर फेंके गए
पुलिस की लापरवाही: कोर्ट में प्रभावी पैरवी न होने का फायदा आरोपी को मिला
ट्रायल जारी: हत्याकांड का ट्रायल अभी भी चल रहा है
इस मामले ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया था और लोग न्याय की मांग कर रहे थे। गौरी के माता-पिता अभी भी न्याय की आस लगाए हुए हैं।

संबंधित विषय:

Hindi News / UP News / Gauri Murder: गौरी की निर्मम हत्या करने वाले हिमांशु प्रजापति को मिली जमानत, जानिए पूरी घटना

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.