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8.86 लाख बच्चों के आधार कार्ड नहीं बने, DBT में रुकावट – परिषदीय विद्यालयों का संकट

उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले 8.86 लाख बच्चों के आधार कार्ड अभी तक नहीं बन पाए हैं, जिससे ड्रेस, जूता-मोजा और स्टेशनरी के लिए दी जाने वाली 1200 रुपये की धनराशि वितरण में दिक्कतें आ रही हैं।

लखनऊJun 23, 2024 / 08:56 am

Ritesh Singh

Council School

उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले 8.86 लाख बच्चों के आधार कार्ड अभी तक नहीं बन पाए हैं। इन बच्चों को ड्रेस, जूता-मोजा, स्टेशनरी आदि खरीदने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए 1200 रुपये दिए जाने हैं। अगले सप्ताह बच्चों के खातों में धनराशि भेजी जा सकती है, लेकिन आधार कार्ड न होने की वजह से यह प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।

बीआरसी केंद्रों पर मशीनें लगाई गईं

बच्चों के आधार कार्ड जल्द से जल्द बनवाने के लिए ब्लॉक रिसोर्स सेंटर (बीआरसी) केंद्रों पर आधार कार्ड बनाने की मशीनें लगाई गई हैं। प्रदेश भर में 1,28,99,888 बच्चों में से 8,86,010 बच्चों के आधार कार्ड अभी तक नहीं बने हैं।
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किताबों का वितरण छुट्टियों के बाद

शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत आठवीं तक के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा प्रदान की जाती है और सरकार सभी बच्चों को किताबें मुहैया कराती है। इस बार कक्षा एक और दो का पाठ्यक्रम बदल गया है, इसलिए किताबें अभी तक नहीं बंटी हैं। अनुमान है कि छुट्टियों के बाद जब स्कूल खुलेंगे, तब किताबों का वितरण किया जाएगा।

डीबीटी से भ्रष्टाचार पर लगाम

पहले यह सुविधा शिक्षकों के जरिए दी जाती थी, जिसमें भ्रष्टाचार के आरोप लगते थे। इसलिए अब डीबीटी के माध्यम से सीधे बच्चों या उनके अभिभावकों के खातों में धनराशि भेजने का निर्णय लिया गया है।
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आधार कार्ड की अनिवार्यता

बच्चों या उनके अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है, लेकिन 8.86 लाख बच्चों के आधार कार्ड अब तक नहीं बन पाए हैं।

किताबों का वितरण

कक्षा एक और दो का पाठ्यक्रम बदलने के कारण किताबों का वितरण छुट्टियों के बाद किया जाएगा।
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डीबीटी से भ्रष्टाचार पर रोक

पहले शिक्षकों के जरिए दी जाने वाली सुविधा में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद अब डीबीटी के माध्यम से सीधे धनराशि भेजी जाएगी। परिषदीय विद्यालयों में आधार कार्ड न होने के कारण बच्चों को डीबीटी के जरिए धनराशि वितरण में बाधा आ रही है। सरकार द्वारा बीआरसी केंद्रों पर आधार कार्ड बनाने की मशीनें लगाकर इस समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, किताबों का वितरण भी जल्द ही किया जाएगा, जिससे बच्चों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए।

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