उत्तर प्रदेश के उन्नाव के सदर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी ने उमेश दुबे पुत्र रामस्वरूप दुबे निवासी शेखपुरा शेखपुर टेनरी थाना सदर कोतवाली के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। अपने तहरीर में पिता ने बताया था कि उमेश दुबे ने उनकी पुत्री का अपहरण कर और उसकी हत्या कर दी है। तहरीर के आधार पर पुलिस में आईपीसी की धारा 364, 302, 34 में मुकदमा दर्ज किया था। 19 दिसंबर 2002 को उमेश दुबे को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने 8 फरवरी 2003 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। अदालत में दोनों पक्षों को सुनने के बाद सजा सुनाई।
गैंगस्टर कोर्ट में हुई सुनवाई
न्यायालय एएसजे (ASJ) 05 गैंगस्टर कोर्ट में सुनवाई हुई दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने उमेश दुबे को दोषी पाया और उसके ऊपर 15 हजार का जुर्माना लगाते हुए आजीवन कारावास के सजा। ऑपरेशन कनविक्शन अभियान के तहत अभियोजन और मॉनिटरिंग से एल की सक्रियता से पुलिस को या सफलता मिली है। फिर भी करने वालों में अभियोजन विभाग से हरीश अवस्थी अलंकार द्विवेदी विश्वास त्रिपाठी विवेचक तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक निरंकार सिंह सहित अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे।