पहले आंवले के वृक्ष की महिलाओं ने की पूजा-अर्चना, फिर नीचे बैठकर ग्रहण किया भोजन
हनुमान मंदिर परिसर में अक्षय नवमी पर परिवार सहित पहुंचे लोग
हनुमान मंदिर परिसर में अक्षय नवमी पर परिवार सहित पहुंचे लोग
रविवार को आंवला नवमी का पर्व श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने आंवला के वृक्ष की पूजा अर्चना की और अपने परिवार तथा क्षेत्र की सुख शांति और समृद्धि की कामना की। बिरसिंहपुर विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत घुनघुटी और आसपास के इलाकों में आंवला नवमी का पर्व मनाया गया। आंवला नवमी पर क्षेत्र की महिलाएं पैदल चलकर लगभग दो से तीन किलोमीटर दूर स्थित हनुमान मंदिर के पास लगे आंवला के वृक्ष के पास पहुंची। यहां महिलाओं ने आंवला वृक्ष की परिक्रमा की और धागा बांधकर पूजा अर्चना की। साथ ही कई महिलाओं ने रंगोली सजाई और दीए भी जलाएं।
कष्टों का होता है नाश
पं. प्रदीप तिवारी ने बताया कि आंवला नवमी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और इसे अक्षय नवमी का पर्व भी कहा जाता है। यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मानता की अनुसार इस दिन आंवला के वृक्ष की पूजा करने से परिवार में सुख समृद्धि और शांति आती है और जीवन से सभी कष्टों का नाश होता है।
अक्षय नवमी पर आंवले का पौधा लगाकर वितरित किए उपहार
आंवला नवमी पर जिले युवा टीम उमरिया ने पाली क्षेत्र के बस्तियों में पहुंचकर पाली पुलिस की उपस्थिति में आंवले का पौधा लगाया। नन्हे बच्चों को खुशियों से भरे पैकेट उपहार स्वरूप दिए गए। पाली थाना प्रभारी मदनलाल मरावी ने उपस्थित बच्चों व लोगों को आंवला के पौधे का महत्व बताते हुए कहा कि आंवले के पौधे को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है, आंवले के पौधे को घर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है। प्रधान आरक्षक शैलेंद्र कुमार दुबे ने बताया कि आंवला श्वसन संबंधी बीमारियों के लिए फायदेमंद है। यह खांसी, टीबी, गले के संक्रमण और फ्लू को कम करने में मदद करता है। आंवला आयरन का भी स्रोत है। इस दौरान गोरे विश्वकर्मा के बालक के जन्म दिवस के अवसर पर 50 खुशियों से भरे पैकेट जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को वितरित किए गए। इस दौरान गोरे विश्वकर्मा, हिमांशु तिवारी, खुशी सेन, नाशिमा बानो, सुरभि बैगा, जय कोल, सोनाली बैगा, राज सिंह उपस्थित रहे।
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