सिंचाई परियोजना स्वीकृत
राज्य शासन ने कान्ह के दूषित पानी को रोकने और शिप्रा के जल को स्वच्छ बनाए रखने के लिए दोनों नदियों पर स्टॉप डैम व बैराज बनाए जाने के प्रस्ताव तैयार किए थे। इन प्रस्ताव में वर्तमान स्टॉप डैम की उंचाई बढ़ाने के साथ नए बनाए जाने का प्रावधान किया गया था। राज्य शासन ने हाल ही में इंदौर और उज्जैन के लिए सिंचाई परियोजना स्वीकृत की है। इसमें उज्जैन में कान्ह व शिप्रा पर 5 स्टॉप डैम व 1 बैराज के लिए 36.64 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। दरअसल इन स्टॉप डैम के बनने से शिप्रा में अतिरिक्त पानी एकत्र किया जाएगा। शासन की ओर से 651 करोड़ कान्ह डायवर्सन योजना तथा 471 करोड़ की सिलारखेडी जलाशय योजना पहले ही स्वीकृत की जा चुकी है। सिंहस्थ के मद्देनजर तथा शिप्रा में अतिरिक्त पानी के स्टॉप डैम बनाकर पानी रोकने की योजना बनाई गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए राशि स्वीकृत की गई है।
यहां बनेंगे स्टॉप डैम और बैराज
पंथपिपलाई स्टाप डैम 573.72 लाख, जमालपुरा स्टॉप डैम 456.46 लाख, गोठड़ा स्टापडेम 624.42 लाख, किठौदा बैराज 871.10 लाख तथा पिपलिया राघो नंबर-2 बैराज 506.36 लाख व रामवासा नंबर-2 बैराज 634.67 लाख से बनाए जाएंगे।
इंदौर में भी बनेंगे
इंदौर में ब्रह्मन पिपलिया स्टापडेम 268.90 लाख, दर्जीकराधिया स्टापडैम 264.03 लाख, कुदाना स्टापडेम 196.97 लाख, कायस्थखेड़ी स्टापडेम 343.05 लाख एवं सहाडा स्टापडेम 431.91 लाख से बनेंगे। शिप्रा को निरंतर प्रवाहमान बनाएगी सेवराखेड़ी योजना
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है, उज्जैन के लिए स्वीकृत सेवराखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा। यह परियोजना शिप्रा नदी को निरंतर प्रवाहमान बनाएगी। 614 करोड़ 53 लाख रुपए की इस परियोजना में सिलारखेड़ी जलाशय की ऊंचाई बढ़ाकर जल संग्रहण क्षमता बढ़ाई जाएगी। इस परियोजना से उज्जैन जिले के लगभग 65 ग्रामों की 18 हजार 800 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा भी उपलब्ध हो सकेगी।