bell-icon-header
उज्जैन

यहां उत्तर में कांग्रेस की माया…आजादी के बाद तीसरी बार चुनावी रण में महिला प्रत्याशी

MP Vidhan Sabha Election 2023 : जिले में भी चार सीटों पर प्रत्याशी घोषित, दक्षिण और बडऩगर में कश्मकश, दो दिन में यहां भी प्रत्याशी तय होने की संभावना…

उज्जैनOct 16, 2023 / 08:37 am

Sanjana Kumar

कांग्रेस ने उज्जैन उत्तर विधानसभा सीट से रविवार को माया त्रिवेदी के टिकट की घोषणा की लेकिन कुछ सप्ताह पूर्व से ही उनके नाम की चर्चा शुरू हो गई थी। आजादी के बाद से त्रिवेदी तीसरी ऐसी महिला होंगी जो कांग्रेस के टिकट पर उज्जैन उत्तर से चुनाव लड़ेंगी। पहले के दो चुनाव में इस सीट से महिला को टिकट देने पर पार्टी को हार-जीत दोनों का अनुभव मिला है। कांग्रेस ने पहली सूची में जिले की पांच सीट पर नाम तय किए हैं। दो सीट बडऩगर और उज्जैन दक्षिण होल्ड कर रखी है।

दो दिन में यहां भी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा होने की संभावना है। कांग्रेस के लिए चार चुनाव से अभेद किला बनी उत्तर विधानसभा सीट पर कब्जा जमाने पार्टी ने नवरात्रि के पहले दिन माया त्रिवेदी को टिकट देकर महिला प्रत्याशी पर भरोसा जताया है। अब तक के चुनाव में कांग्रेस तीसरी बार इस सीट से महिला प्रत्याशी खड़ा कर रही है, जबकि भाजपा की ओर से हमेशा ही पुरुष प्रत्याशी मैदान में रहे हैं। संभव है कि माया त्रिवेदी के सामने भी भाजपा पुरुष प्रत्याशी को ही मैदान में उतारेगी। माया के नाम की घोषणा के बाद कांग्रेस के एक खेमे में नाराजगी है वहीं समर्थकों में खास उत्साह भी है।

बता दें कि इस सीट से कांग्रेस के विवेक यादव भी प्रबल दावेदार थे और टिकट घोषणा के बाद उनके समर्थकों ने सड़क पर उतर जमकर माया का विरोध किया है। 46 फीसदी वोट लाकर विधायक बनी थीं राजदान उज्जैन उत्तर में विधायक का पहला चुनाव वर्ष 1957 में हुआ था। कांग्रेस ने राजदान कुमार किशोरी को मैदान में उतारा था। उनके सामने जनसंघ के श्यामलाल गौड़ चुनाव लड़े थे। राजदान सर्वाधिक 11 हजार 669 वोट पाकर विधायक बनी थीं। उन्हें कुल मतदान का 46 फीसदी वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर निर्दलीय चुनाव लड़े मसूद अहमद (6741) व तीसरे पर श्यामलाल गौड (5409) थे। इसके बाद 1967 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उत्तर से हंसाबेन पटेल को टिकट दिया था। उनके सामने भारतीय जनसंघ के महादेव गोविंद जोशी चुनाव लड़े। हंसाबेन भारी मतों से हारी थीं। जोशी को 23 हजार 709 जबकि हंसाबेन को 10 हजार 767 वोट ही मिले थे। हंसाबेन वर्ष 1962 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर दक्षिण से चुनाव लड़ी और विधायक बनी थीं। 

पूजन करने के दौरान आया ओझा का फोन नवरात्र के पहले दिन सुबह करीब 9 बजे माया त्रिवेदी जब घर पर घटस्थापना की तैयारी कर रही थीं तब उनके मोबाइल पर कांग्रेस जिला प्रभारी शोभा ओझा का फोन आया। ओझा ने उन्हें विधानसभा टिकट होने की सूचना देते हुए पार्टी के विश्वास पर खरा उतरने की बात कही। टिकट की घोषणा के साथ ही त्रिवेदी को बधाई देने व स्वागत करने वालों की भीड़ लग गई। सुबह 11 बजे वे पति राजेश त्रिवेदी के साथ महाकाल मंदिर के लिए निकली लेकिन रास्ते में जगह-जगह स्वागत के चलते दोपहर करीब 2 बजे मंदिर पहुंच सकीं। रात तक त्रिवेदी के स्वागत का दौर चलता रहा।

अब भाजपा के लिए मंथन और बढ़ा

अब तक इस सीट से भाजपा ने कभी किसी महिला को मैदान में नहीं उतारा। इस बार भी भाजपा में मुख्य रूप से वर्तमान विधायक पारस जैन, अनिल जैन कालूहेड़ा और पूर्व निगम अध्यक्ष सोनू गेहलोत की प्रबल दावेदारी जताई जा रही है। पार्टी ब्राह्मण फैक्टर पर ध्यान देती है तो विभाष उपाध्याय व रामेश्वर दुबे जैसे नाम भी है। कांग्रेस द्वारा प्रत्याशी के रूप में महिला, ब्राह्मण और वर्तमान जनप्रतिनिधि मैदान में उतारने से भाजपा में मंथन और बढ़ गया है। राजनीतिज्ञ इसे भाजपा के लिए उत्तर सीट पर कांग्रेस का बिछाया माया जाल भी कह रहे हैं। कांग्रेस का टिकट घोषित होने के बाद भाजपा में दावेदारों को लेकर नए सिरे से तर्क वितर्क शुरू हो गए हैं। टिकट की घोषणा के बाद विरोध के साथ स्वागत-सत्कार भी हुआ टिकट की घोषणा के बाद रविवार शाम क्षीरसागर स्थित पार्टी कार्यालय पर शहर कांग्रेस ने माया त्रिवेदी का जोरदार स्वागत किया। शहर अध्यक्ष रवि भदौरिया के नेतृत्व में हुए कार्यक्रम में पार्टी के वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। यहां भदौरिया ने सभी को पार्टी हित में कार्य करते हुए त्रिवेदी को विजय बनाने की शपथ दिलवाई।

कार्यक्रम में वरिष्ठ नेत मनोहर बैरागी ने कहा, कांग्रेस में दो प्रकार के लोग हैं। एक जो किसी कारण से कांग्रेस में है और दूसरे वे जिनके मन में कांग्रेस है। जिनके मन में कांग्रेस हैं, हमें उन्हें आगे लाना है। एक अन्य नेता ने कहा कि जो भी कांग्रेसी चुनाव में पार्टी के विरुद्ध कार्य करेगा, उसका मुंह काला किया जाए। कांग्रेसियों का विरोध उज्जैन उत्तर से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने के साथ ही माया त्रिवेदी का विरोध भी शुरू हो गया है। पहले सोशल मीडिया और फिर माया से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शाम तक आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर उनके पुतले जलाए। यहां से चुनाव लड़ चुके विवेक यादव प्रबल दावेदोरी कर रहे थे। कांग्रेसियों का आरोप था कि माया त्रिवेदी अयोग्य प्रत्याशी हैं। उन्होंने पूर्व चुनाव में पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था और नरेंद्र मोदी को पीएम बनवाने के लिए पूजन करवाया था। नाराज कार्यकर्ताओं ने विवेक यादव को टिकट देने अन्यथा विरोध जारी रखने का कहा है। 

टिकट की मांग कई नेता करते हैं लेकिन पार्टी एक को ही चुनती है। इससे थोड़ी नाराजगी जरूर होती है। कांग्रेस परिवार के सदस्य नाराज हुए तो उन्हें मनाया जाएगा। सब मिलकर साथ चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे।
– रवि भदौरिया, शहर कांग्रेस अध्यक्ष

इधर नागदा-खाचरौद विधानसभा

नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र से चार बार के विधायक दिलीपसिंह गुर्जर पर पार्टी ने पांचवीं बार भरोसा जताया है। हालांकि वे एक बार निर्दलीय जीते हैं। रविवार सुबह सूची जारी होते ही गुर्जर के निवास पर समर्थकों ने आतिशबाजी की। इधर, सूची जारी होने से एक दिन पहले शनिवार देर रात गुर्जर दिल्ली रवाना हो गए थे। सोमवार दोपहर वे नागदा लौटेंगे। जहां रोड शो करके निवास पर पहुंचेंगे। 1993 से 2018 तक के कॅरियर में भाजपा के लालसिंह राणावत व दिलीपसिंह शेखावत को दो-दो बार चुनाव हरा चुके गुर्जर का इस बार डॉ. तेजबहादुरसिंह चौहान से मुकाबला है।

नाम: दिलीपसिंह गुर्जर, उम्र: 59 वर्ष, शिक्षा: स्नातक, राजनीतिक कॅरियर: छात्र राजनीति से उठकर आते ही 1993 में पहली बार कांग्रेस से विधायक का टिकट मिला और 5644 वोटों से भाजपा प्रत्याशी लालसिंह राणावत को हराया था। अपने निकटम प्रतिद्वंदी को 5 हजार से ज्यादा वोटो के अंतर से मात देकर दूसरे प्रत्याशी होने का तमगा हासिल कर चुके हैं। इससे पहले सन 1952 में कांग्रेस से प्रत्याशी रह रामचंद्र नवाल ने रामराज पार्टी के लक्ष्मण राय को 12 हजार 03 वोटों से मात दी थी। वर्ष 2013 में गुर्जर भाजपा के दिलीपसिंह शेखावत से 16 हजार 115 वोटों से हार गए थे।

तराना विधानसभा परमार का टिकट था तय, घोषणा के बाद कार्यकर्ताओं में उत्साह

कांग्रेस ने तराना विधानसभा से सीङ्क्षटग एमएलए महेश परमार को ही दोबारा मैदान में उतारा है। परमार को टिकट मिलना पहले से लगभग तय था। सिर्फ घोषणा का इंतजार किया जा रहा था। यही कारण था कि परमार ने पहले ही अघोषित रूप से क्षेत्र में जनसंपर्क शुरू कर दिया था। परमार सुबह करीब 7.30 बजे नांदेड़ गांव में पूजन करने लक्ष्मीनारायण मंदिर पहुंचे थे। पूजन के बाद लोगों से मेलमिलाप के दौरान उन्हें प्रत्याशी घोषित किए जाने की सूचना मिली। इसके बाद उन्होंने बगुलामुखी माता मंदिर, हरिसद्धि मंदिर व महाकाल मंदिर पहुंच पूजन किया।

खास बातें राजनीति कॅरियर : तीन बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता। एक बार जिला पंचायत अध्यक्ष बनें। 2018 में तराना विधायक बनें।

टिकट क्यों : क्षेत्र में सक्रिय, अन्य दावेदारों की कमी।

किस गुट से : जीतू पटवारी, कमलनाथ

किसानों की समस्या के लिए कार्य करना है परमार बोले, क्षेत्र के लोग परिवार की तरह है। इनसे वर्षों पुराना रिश्ता है। क्षेत्र में किसानों की समस्या के लिए कार्य करना है। पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्र में और सुधार की आश्यकता है।

महिदपुर विधानसभा

जैन ने दो बार निर्दलीय दम दिखाया, अब पार्टी ने उन पर भरोसा जताया कांग्रेस ने दिनेश जैन बोस को महिदपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। बोस लंबे समय से टिकट के लिए जद्दोजहद कर रहे थे। यहां तक कि वे पूर्व के दो चुनाव निर्दलीय भी लड़े और दोनों ही बार कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी से ज्यादा वोट लाए। बोस माता पूजन करने सुबह करीब 9 बजे नलखेड़ा स्थित बगुलामुखी माता मंदिर पहुंचे थे जब उन्हें प्रत्याशी घोषित होने की जानकारी मिली। इसके बाद समर्थकों ने खासा उत्साह दिखाया। स्वागत के लिए गृह नगर महिदपुर रोड में दिनभर समर्थकों का तांता लगा रहा। कार्यकर्ताओं ने शाम 4 बजे श्रीराम मंदिर से जैन का जुलूस निकाला।

खास-खास बातें राजनीति कॅरियर

भारी मतों से जीत जिला पंचायत सदस्य बने थे। वर्तमान में कांग्रेस प्रदेश महासचिव। पिछले दो विधानसभा चुनाव निर्दलीय लड़े लेकिन नजदीकी हार हुई।

टिकट क्यों- क्षेत्र में सक्रिय, निर्दलीय लड़कर भी जनाधार साबित किया।

किस गुट से- कमलनाथ

पार्टी ने भरोसा जताया, खरा उतरूंगा

जैन बोले- पार्टी ने मुझ पर भरोसा जताया है, जिस पर खरा उतरुंगा। किसानों के हक की लड़ाई लड़ता आया हूं और आगे भी बीमा व फसल नुकसानी के लिए लड़ाई लड़ता रहूंगा। महिदपुर में जो भ्रष्टाचार हुए हैं, उनपर कार्रवाई होगी।

घट्टिया विधानसभा

शहर से लगी घट्टिया विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने फिर रामलाल मालवीय को टिकट दिया है। मालवीय इस सीट से छठी बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। मालवीय पूर्व के पांच चुनाव में से तीन चुनाव जीते व दो हारे हैं। अब तके इनके चुनावी इतिहास को देखें तो वे कभी भी लगातार न दो चुनाव न जीते हैं। घट्टिया विधानसभा सीट से मालवीय के अलावा कुछ अन्य युवा भी प्रबल दावेदारी कर रहे थे। इसके चलते कुछ सप्ताह पहले तक यहां प्रत्याशी चयन को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे थे। हालांकि कुछ दिन से संकेत मिलने लग गए थे कि कांग्रेस घट्टिया में भी सीटींग एमएलए को ही दोबारा मैदान में उतारेगी।

खास बातें राजनीति कॅरियर

एक ही सीट से पांच बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। तीन बार जीते व दो बार हारे। टिकट क्यों- चुनाव का अनुभव। जातिगत समीकरण। किस गुट से- दिग्विजय सिंह।

ये भी पढ़ें : ग्वालियर-चंबल-बुंदेलखंड….कांग्रेस इस बार पुराने चेहरों और परिवारों के सहारे भाजपा को देगी चुनौती
ये भी पढ़ें : MP Assembly Election 2023 : सी-विजिल ऐप पर 100 मिनट में साल्व होगी शिकायत

Hindi News / Ujjain / यहां उत्तर में कांग्रेस की माया…आजादी के बाद तीसरी बार चुनावी रण में महिला प्रत्याशी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.