उज्जैन

महाकाल शिवलिंग पर आधा लीटर से ज्यादा जल और सवा लीटर से ज्यादा पंचामृत नहीं चढ़ाया जा सकेगा

Ujjain News: सुप्रीम कोर्ट ने गर्भगृह में पंचामृत की मात्रा तय की थी, बड़ी बाल्टी और घड़ा ले जाना भी वर्जित

उज्जैनNov 27, 2019 / 10:08 pm

Lalit Saxena

mahakal temple ujjain

उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में दर्शन के साथ पंचामृत पूजा करने के लिए प्रबंध समिति ने नियम बनाकर उन्हें पालन करने के सख्त निर्देश और चेतावनी दी है। यदि इन नियमों का कोई उल्लंघन करते पाया गया, तो उसके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने गर्भगृह में पंचामृत चढ़ाने की मात्रा तय की थी, बावजूद इसका पालन नहीं हो रहा।

आधा लीटर जल और सवा लीटर पंचामृत का पैमाना तय
महाकालेश्वर शिवलिंग पर आधा लीटर से ज्यादा जल और सवा लीटर से ज्यादा पंचामृत नहीं चढ़ाया जा सकेगा। गर्भगृह में बड़ी बाल्टी और घड़ा ले जाना भी वर्जित किया गया है। जल और पंचामृत चढ़ाने के दौरान धातु के पात्र शिवलिंग से स्पर्श भी नहीं होना चाहिए। ऐसे आठ नियम मंदिर के पुजारियों, पुरोहितों और गर्भगृह में तैनात समिति के निरीक्षकों को दिए गए हैं।

 

IMAGE CREDIT: patrika

हो सकती है दंडात्मक कार्रवाई
उपप्रशासक आशुतोष गोस्वामी ने बताया कि जारी किए गए आदेश के अनुसार चेतावनी भी दी गई है कि इनका उल्लंघन करने वालों पर अनुशासनात्मक, दंडात्मक कार्रवाई होगी। इस संबंध में जारी आदेश में लिखा गया है कि निर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य है। इस आशय का आदेश 6 अप्रैल 2019 को सभी पुजारी और पुरोहितों को जारी किया गया था। लेकिन मंदिर समिति प्रशासन को यह शिकायतें मिल रही थीं कि इस आदेश का पूर्णत: पालन नहीं हो रहा है। महाकाल शिवलिंग पर पंचामृत अर्पित करने के फोटो और वीडियो भी वायरल हुए थे। जिसमें दावा किया जा रहा था कि तय मात्रा से ज्यादा पंचामृत का उपयोग हो रहा है।

शकर को रगडऩे पर लगाई रोक
प्रशासक एसएस रावत ने बताया कि शकर को शिवलिंग पर हाथ से रगडऩा पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है। पूर्व में जारी आदेश की प्रति पुजारियों, पुरोहितों को दोबारा से दी गई है। आदेश पालन के लिए उपप्रशासक गोस्वामी को इसके लिए पाबंद किया गया है। गोस्वामी के अनुसार सभी पुजारियों, पुरोहितों और मंदिर समिति के गर्भगृह निरीक्षकों को बुलाकर आदेश की प्रति देकर पालन करने को कहा गया है। इसके पहले भी सभी लोगों को इस संबंध में समझाइश दी गई थी। अब इसका सख्ती से पालन कराया जाएगा।

Instructions to follow rules for Mahakal Pooja
IMAGE CREDIT: patrika

पुरातत्व की टीम ने किया था दौरा
उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर का दौरा करने वाली पुरातत्व विभाग की टीम ने हाल ही में शिवलिंग को क्षरण से बचाने के लिए पंचामृत और कोटितीर्थ कुंड के जल को प्रतिबंधित करने की सिफारिश मंदिर समिति से की थी। टीम ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के अधिकारियों को शामिल करते हुए 7 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मंदिर का दौरा किया था। समिति सदस्यों ने बताया था कि महाकाल की प्रतिमा को भांग शृंगार से किसी तरह का खतरा नहीं है। लेकिन फूल, पत्ती या अधिक मात्रा में शहद-शकर को घिसने से क्षरण की संभावना अधिक है।

Hindi News / Ujjain / महाकाल शिवलिंग पर आधा लीटर से ज्यादा जल और सवा लीटर से ज्यादा पंचामृत नहीं चढ़ाया जा सकेगा

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.