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Mahakal Ujjain: जुलाई से बंद महाकाल गर्भगृह में फिर पहुंची जीएसआई टीम, भस्म, भांग और शृंगार सामग्री के लिए नमूने

Mahakal Ujjain: महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग क्षरण मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) का दल सोमवार को महाकाल मंदिर पहुंचा। सात सदस्यीय इस टीम ने भस्म के साथ ही शिवलिंग पर चढ़ाया जाने वाले आरओ के पानी, भांग और शृंगार सामग्री के नमूने लिए….

उज्जैनDec 19, 2023 / 10:18 am

Sanjana Kumar

Mahakal Ujjain: महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग क्षरण मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) का दल सोमवार को महाकाल मंदिर पहुंचा। सात सदस्यीय इस टीम ने भस्म के साथ ही शिवलिंग पर चढ़ाया जाने वाले आरओ के पानी, भांग और शृंगार सामग्री के नमूने लिए। सोमवार दोपहर को उज्जैन महाकाल मंदिर में पहुंची टीम इन नमूनों की जांच करेगी। इसके बाद अपनी रिपोर्ट भोपाल पहुंचकर अधिकारियों को सौंप देगी। आपको बता दें कि इससे पहले भी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) और जीएसआई (जीएसआई) की टीम यहां आकर जांच कर चुकी है।

शिवलिंग को क्षरण या नुकसान से बचाने के प्रयास

बता दें कि महाकाल शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में एक माना जाता है। ऐसे में ज्योतिलिंग को क्षरण से बचाने के लिए वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया था कि एएसआई और जीएसआई की टीम हर साल महाकाल शिवलिंग की जांच करेगी और रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार जीएसआई, एएसआई के विशेषज्ञ समय-समय पर महाकाल मंदिर आते रहे हैं। ये टीम अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत करती है।

भस्म के पीएच मानक की जांच

ज्योतिर्लिंग पर इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न द्रव्यों के साथ ही अन्य सामग्रियों की जांच भी की जाएगी। भस्म के पीएच मानक की जांच कराई जाएगी। इसीलिए सोमवार को सात सदस्यीय दल ने मंदिर पहुंचकर शिवलिंग की स्थिति का आकलन किया। टीम ने शिवलिंग पर चढ़ाई गई सामग्री और जल का सैम्पल लिया। लैबोरेटरी में टेस्टिंग के बाद रिपोर्ट जीएसआई के अधिकारियों को सौंपी जाएगी।

जून 2023 में जीएसआई ने जताई थी चिंता, जुलाई से बंद है गर्भ गृह प्रवेश

आपको बता दें कि जीएसआई की टीम ने 2019 में महाकाल मंदिर का निरीक्षण किया था और अपनी रिपोर्ट तैयार कर सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी। उसके बाद दिसंबर 2022 में जीएसआई ने फिर से निरीक्षण किया था। तब जीएसआई ने पाया कि उसके कई सुझावों का मंदिर समिति की ओर से कोई पालन नहीं किया गया। शिवलिंग पर भस्म का गिरना और श्रद्धालुओं का स्पर्श और रगड़ने से ज्योतिर्लिंग को नुकसान पहुंच रहा है। इससे ज्योतिर्लिंग पर छोटे-छोटे छेद हो गए हैं, जो धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं। इनमें बैक्टीरिया पनपते हैं, जिससे शिवलिंग का क्षरण हो रहा है। इसके बाद ही जुलाई 2023 से गर्भ गृह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। तब से अब तक महाकाल गर्भगृह में प्रवेश बंद है।

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