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Ganesh Chaturthi 2022 : राशि के अनुसार ही रंग-रूप वाली गणेश प्रतिमा घर लाएं, मिलेगा शुभ फल

गणेश चतुर्थी आज… दस दिवसीय गणेशोत्सव आरंभ आज से, आलीशान पंडालों में विराजमान होंगी प्रथमेश की प्रतिमाएं, घर में पधारो गजानंद जी…मेरे घर में पधारो…
 

उज्जैनAug 31, 2022 / 01:17 am

Nitin chawada

Ganesh Chaturthi 2022 : राशि के अनुसार ही रंग-रूप वाली गणेश प्रतिमा घर लाएं, मिलेगा शुभ फल

उज्जैन. घर में पधारो गजानंद जी…मेरे घर में पधारो… धार्मिक गीतों के साथ प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश जी की प्रतिमाएं विराजमान होंगी। शहर में इस बार भी आलीशान पंडालों में विशाल आकार वाली प्रतिमाओं को स्थापित किया जाएगा। बुधवार को गणेश चतुर्थी पर्व के साथ दस दिवसीय गणेशोत्सव आरंभ होगा। जगह-जगह सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजन होंगे। शुभ मुहूर्त तथा उत्तम चौघडि़ए के साथ घरों और प्रतिष्ठानों में झांकियां सजाकर बप्पा की प्रतिमाएं विराजित होंगी।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए अपने यहां जो लोग प्रतिमाएं लाएंगे, उन्हें अपनी-अपनी राशियों के अनुसार रंगों का चयन करके श्रीगणेश की मूर्ति लाना चाहिए।
मेष- गहरे लाल और सुनहरा, हलका पीला।

वृषभ- चमकीला सफेद या दूधिया सफेद के साथ हल्का नीला या आसमानी रंग की।

मिथुन – हरा सफेद गहरा नीला।

कर्क – दूधिया सफेद या चमकीला सफेद हल्का गुलाबी।
सिंह- सिंदुरिया गहरा गुलाबी गहरा लाल।

कन्या- हल्का हरा आसमानी नीला नींबू पीला।

तुला – चमकीला सफेद समुद्री नीला खरबूजे पीला।

वृश्चिक – गहरा लाल मेहरून बसंती पीला।

धनु – हल्दी पीला सिंदुरिया हल्का लाल।
मकर – गहरा नीला फिरोजी समुद्री हरा।

कुंभ – चमकीला नीला चमकीला सफेद गहरा काला।

मीन – कपासी पीला केसरिया तरबूज लाल रंग वाली प्रतिमाएं घर लाएं।


श्री गणेश स्थापना के शुभ मुहूर्त
– व्यापारी वर्ग के लिए… प्रात: 6 से 7.30 लाभ का चौघडिय़ा

– गृहस्थ लोगों के लिए … प्रात: 7.30 से 9 अमृत का चौघडिय़ा

– सभी वर्ग के लिए … प्रात: 10.30 से 12 शुभ का चौघडिय़ा
– व्यावसायिक प्रतिष्ठान… दोपहर 3.30 से 5 चंचल का चौघडिय़ा

– कृषक वर्ग के लिए … शाम 5 से 6.30 लाभ का चौघडिय़ा

कौन सी सूंड वाले गणपति कहां रखने की मान्यता
– श्री गणेश के दाहिनी ओर रहने पर घर में समृद्धि व शुभ लाभ की प्राप्ति होती है।

– श्री गणेश की बायी और सूंड होने पर व्यापारिक प्रतिष्ठान में लाभ की प्राप्ति होती है।
– सीधी सूंड बीच में होने से प्रशासनिक व अधिकारी वर्ग के लिए अनुकूल रहती है।

श्रीगणेश पूजन के लिए पूर्व-पश्चिम या उत्तर दिशा का चयन करें

सर्वप्रथम जमीन लेपन करें, जल या शुद्ध मिट्टी स्वस्तिक बनाएं, चौकी आरोहण करें, ऊपर वस्त्र बिछा दें, चावल प्रक्षेपित करें। गणपति जी का पंचोपचार व षोडशोपचार पूजन पान के पत्ते से छोटी-छोटी बूंदों द्वारा करें। पंचामृत के माध्यम से पूजन होगी, गंगा आदि तीर्थों के जल से नैमित्तिक पूजन कर चौकी पर स्थापित करें। तत्पश्चात गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य लगाएं, आरती करें, अपनी मनोकामना मन में बोलें। पूजन के दौरान गणपति अथर्वशीर्ष या गणेश सहस्त्रनाम स्तोत्र पाठ का करते रहें।
नए स्वरूप में दमक रहे बड़े गणेश

गणेश चतुर्थी पर बड़े गणेश मंदिर में स्थापित अतिप्राचीन व शहर की सबसे बड़ी प्रतिमा पर रंग-रोगन किया गया है। यह प्रतिमा फिर से नए स्वरूप में नजर आने लगी है। ज्योतिर्विद पं. आनंदशंकर व्यास ने बताया गणेश चतुर्थी पर भक्तों को इस नए स्वरूप के दर्शन होंगे। महाकाल मंदिर के समीप स्थित बड़े गणेश मंदिर में चतुर्थी पर दोपहर 12 बजे जन्म आरती होगी। मोदक का भोग लगेगा और गणपति अथर्वशीर्ष व सहस्तनाम के पाठ होंगे।

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