कोविड-19 के चलते 2020-21 से बंद पड़ी वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा को लेकर इस बार भी संशय बना हुआ है। यात्रा इस बार होगी या नहीं, यह कुछ तय नहीं हुआ है। अगर यात्रा का कार्यकम होता है तो उसकी तैयारियों के लिए कम से कम दो महीने का समय लगता है। यात्रा को लेकर देवस्थान विभाग ने भी सरकार को प्रस्ताव भेजा है, जिसमें यह मार्गदर्शन मांगा है कि इस बार यात्रा करवानी है या नहीं। वैसे सरकार ने प्रदेश में जारी गाइडलाइन में कई रियायतें दी है।
देवस्थान मुख्यालय से गए प्रस्ताव में सरकार से निर्देश मांगे गए है। विभाग का मानना है कि अगर सरकार यात्रा करवाती है तो विभाग को पहले से ही जमीनी स्तर पर तैयारी करनी होगी, इसमें आवेदन आमंत्रित करने, तीर्थ स्थलों का रूट फाइनल करने से लेकर रेलगाडिय़ों की व्यवस्थाएं आदि शामिल है। अगर सरकार की ओर से यात्रा का कार्यक्रम होता है तो उसके लिए करीब दो महीने तो पूरी तैयारियों के लिए जरूरी है। वैसे सरकार ने प्रदेश में स्कूल, कोचिंग से लेकर कई स्थानों को सर्शत खोला है, ऐसे मेें इस यात्रा को लेकर उम्मीद भी जगी, लेकिन संशय भी बना है। कोरोना की वजह से पिछले साल यात्रा को स्थगित कर दिया गया था।
देवस्थान मुख्यालय से गए प्रस्ताव में सरकार से निर्देश मांगे गए है। विभाग का मानना है कि अगर सरकार यात्रा करवाती है तो विभाग को पहले से ही जमीनी स्तर पर तैयारी करनी होगी, इसमें आवेदन आमंत्रित करने, तीर्थ स्थलों का रूट फाइनल करने से लेकर रेलगाडिय़ों की व्यवस्थाएं आदि शामिल है। अगर सरकार की ओर से यात्रा का कार्यक्रम होता है तो उसके लिए करीब दो महीने तो पूरी तैयारियों के लिए जरूरी है। वैसे सरकार ने प्रदेश में स्कूल, कोचिंग से लेकर कई स्थानों को सर्शत खोला है, ऐसे मेें इस यात्रा को लेकर उम्मीद भी जगी, लेकिन संशय भी बना है। कोरोना की वजह से पिछले साल यात्रा को स्थगित कर दिया गया था।
अगर यात्रा में वरिष्ठ नागरिकों को शामिल किया जाता है तो कोविड-19 की गाइडलाइन व संक्रमण को लेकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए सावधानी भी जरूरी है। अब विभाग को सरकार के निर्णय का इंतजार है। देवस्थान आयुक्त जितेन्द्र कुमार उपाध्याय का कहना है कि अभी यात्रा को लेकर कुछ तय नहीं है। सरकार से जैसे निर्देश मिलेंगे वैसे तय किया जाएगा।
यात्रा के बारे में जानें
सरकार ने वर्ष 2013 में वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना शुरू की है। इसके बाद वर्ष 2016 में हवाई यात्रा को भी इसमें शामिल किया गया है। इसके तहत रेलागाड़ी से सात तीर्थ स्थल तो हवाई जहाज से पशुपतिनाथ मंदिर काठमांडू (नेपाल) की यात्रा कराई।
अब तक यात्रा एक नजर में 85,219 यात्रियों ने रेल यात्रा की
12,060 यात्रियों ने हवाई यात्रा की 97, 279 कुल यात्रियों ने यात्रा की
17 अधिकतम तीर्थ स्थल रहे 148.58 करोड़ यात्रा पर खर्च किए