नगरवासियों ने कहा कि यह वहीं जाजम है, जो तहसील आंदोलन में बिछी थी और सरकार को झुकने को विवश कर तहसील का दर्जा प्राप्त किया था। हम वर्षों से विकास को तरस रहे हैं। वक्ताओं ने चेतावनी भरे तीखे शब्दों से प्रशासनिक अधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग बिना आम राय बनाकर बीते दिनों से सलूम्बर जिले में रहने की मांग कर रहे हैं, लगातार इस तरह की मांग को देखते हुए अब उन्हें भी सड़क पर उतरने को विवश होना पड़ा है। वक्ताओं ने कहा कि अगर सरकार देना ही चाहती है, तो हमारी नजदीकी ग्राम पंचायत को टीएसपी में घोषित करें, जिससे क्षेत्र वासियों को टीएसपी का लाभ मिल सकेगा। हमारे द्वारा जो मांग की जा रही है, उसे नहीं सुना जा रहा है और बेवजह उन्हें जिला बदलने के लिए छेड़ा जा रहा है। धरना प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सहायक थाना अधिकारी लालू राम मीणा सहित पुलिस जाप्ता तैनात रहा।
दो घंटे तक जारी रहा आंदोलन
शुक्रवार को दिन में करीब 12.30 बजे नगर के कोर्ट चौराहे पर लोगों का जुटना शुरू हुआ। आंदोलनकारी नगर पालिका कार्यालय के बाहर टेंट लगाकर विरोध प्रदर्शन पर बैठ गए। इसके बाद करीब 2 बजे तहसील कार्यालय पहुंचे और तहसीलदार रंजीत यादव को ज्ञापन सौंपा।
ये रहे मौजूद
सलूम्बर जिले में नहीं शामिल होने का विरोध कर रहे लोगों में सर्वदलीय लोग शामिल थे। भाजपा, कांग्रेस सहित राजनीतिक दलों के साथ ही संगठनों के जुड़े लोग भी शामिल रहे। जिन्होंने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अनिल शर्मा, पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष मनोज भाणावत, पीथलपुरा पूर्व सरपंच किशन लालजाट, बजरंग सेना अध्यक्ष बजरंगदास वैष्णव, भाजपा पूर्व मंडल अध्यक्ष भगवती लाल शर्मा, सोहन लाल भानावत, नगर कांग्रेस कमेटी के राजेश वया, सुरेंद्र मुर्डिया, योगेश जारोली, पारस जैन, पार्षद पारस नागौरी, राजकुमारी कामरिया, भवानी सिंह, पूर्व पार्षद कोमल कामरिया, विरेन्द्र गांधी, आशुतोष व्यास, रोशन भावसार, जम्बु धींग, अभय कुमार बाबेल, संजय जारोली, रौनक कंठालिया, राजेश जैन, बंशी लाल जारोली, पारस जैन, राजेन्द्र सिंह चौहान, अरूण भाणावत, गिरिश कोठारी, फिरोज भाटी सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।