आयोजन समिति के अध्यक्ष राजेश बी शाह ने बताया कि सुबह जाप्य, अभिषेक, नित्यमह पूजन, मंगल प्रवचन के बाद विश्वशान्ति महायज्ञ हुआ। बाद में सभी प्रतिमाओं की वेदी पर स्थापना की गई। शांतिनाथ भगवान को वेदी पर विराजमान करने का सौभाग्य शांतिलाल वेलावत परिवार, मुख्य ध्वजा का जयंतीलाल वेलावत, अन्य प्रतिमाओं को विराजमान करने का सौभाग्य त्रिलोक सावला, चन्द्रप्रकाश व एक्मे परिवार ने प्राप्त किया। शोभायात्रा के साथ विसर्जन कार्यक्रम हुआ। इस दौरान भगवान शान्तिनाथ के जयकारे लगे।
सैनिक सीमा पर, इसलिए हम है निश्चिंत
आचार्य अनुभवसागर ने जनसभा में कहा कि आज हम इतने निश्चिंत होकर हर काम कर रहे हैं क्योंकि देश का सैनिक सीमा पर खड़ा है। उन्होंने शहीदों ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश के लिए उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, उनकी यह शहादत पूजनीय है।
आचार्य अनुभवसागर ने जनसभा में कहा कि आज हम इतने निश्चिंत होकर हर काम कर रहे हैं क्योंकि देश का सैनिक सीमा पर खड़ा है। उन्होंने शहीदों ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश के लिए उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, उनकी यह शहादत पूजनीय है।
सभी में हो मोक्षपद की भावना आर्यिका सुप्रकाशमति ने कहा कि मोक्ष कल्याणक के दिन यह भावना करनी चाहिए कि भगवान हमें जल्द ही मोक्षपद की प्राप्ति हो, हम मोक्ष रूपी सिंहासन को प्राप्त कर जन्म-मरण के दु:खों से छुटकारा प्राप्त कर लें।