औसतन एक परिवार 300 यूनिट बिजली खपत करता है तो अगले बिल में करीब 50 रुपए की राहत मिलेगी। प्रदेश के बिजली निगमों की ओर से प्रत्येक तिमाही के फ्यूल सरचार्ज की गणना की जाती है। जिसके खर्च की राशि आगामी तिमाही के दरमियान आने वाले बिजली बिलों में प्रति यूनिट की दर से जोड़ी जाती है।
जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम की ओर से हाल ही में निकाले आदेशों में इस साल के पहले दो तिमाही (जनवरी से मार्च और अप्रेल से जून) के आंकड़े जारी किए हैं। पहली तिमाही का फ्यूल सरचार्ज 49 पैसा प्रति यूनिट और दूसरी तिमाही का 54 पैसा प्रति यूनिट माना गया।
अभी बिजली बिलों में 54 पैसा प्रति यूनिट के आधार पर फ्यूल सरचार्ज जोड़ा जा रहा है। लिहाजा दूसरी तिमाही का आंकलन तो बराबर रहा, लेकिन पहली तिमाही में 5 पैसा प्रति यूनिट की कमी दर्ज की गई। इसका फायदा उपभोक्ताओं को अगले माह के बिलों में देना होगा।
यह भी पढ़ें
शहरी उपभोक्ताओं को 24 घंटे में देने होंगे घरेलू बिजली कनेक्शन, यह रहेगी व्यवस्था
आगामी महीनों में भी मिलेगी राहत
बिजली निगमों के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 की तीसरी तिमाही का फ्यूल सरचार्ज और कम आंका जाएगा। ऐसे में अगले साल जून के बाद बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिल सकती है।यह है फ्यूल सरचार्ज और आधार फ्यूल सरचार्ज
बिजली उत्पादन करने वाली इकाइयों में कोयले की बड़ी खपत होती है। खपत के दौरान कोयले की दरें निर्धारित नहीं हो पाती। ऐसे में प्रत्येक तिमाही में कोयले की दरें सामने आने के बाद ईंधन अधिभार (फ्यूल सरचार्ज) बिजली दरों में जोड़ा जाता है। 26 जुलाई 2023 के आदेश के अनुसार तय है कि सालभर का निर्धारित आधार ईंधन अधिभार बिलों में जुड़ेगा, जो 54 पैसा प्रति यूनिट रखा गया। ऐसे में किसी तिमाही में सरचार्ज कम होने पर आधार ईंधन अधिभार में से कटौती करनी होगी।
आंकड़ों में जानें स्थिति
106 करोड़ की राहत प्रदेश में मिलेगी 01 करोड़ की राहत उदयपुर में मिलेगी 05 पैसा/यूनिट दर कम रहेगी बिलों में 02 हजार करोड़ से ज्यादा यूनिट पर असर टॉपिक एक्सपर्ट
अधिक वसूली राशि की राहत जल्द से जल्द दी जानी चाहिए। बाद में राहत देने में आनाकानी की जाती है, ऐसे में ईंधन अधिभार ज्यादा वसूली होना ही अनुचित है। प्रदेश के बिजली घरों में से सूरतगढ़ व छबड़ा के सरकारी बिजली घर स्वीकृत दरों से अधिक दर पर बिजली दे रहे है, जिसकी जांच होनी चाहिए।
अधिक वसूली राशि की राहत जल्द से जल्द दी जानी चाहिए। बाद में राहत देने में आनाकानी की जाती है, ऐसे में ईंधन अधिभार ज्यादा वसूली होना ही अनुचित है। प्रदेश के बिजली घरों में से सूरतगढ़ व छबड़ा के सरकारी बिजली घर स्वीकृत दरों से अधिक दर पर बिजली दे रहे है, जिसकी जांच होनी चाहिए।
वाई.के. बोलिया, रिटायर्ड एसई व ऊर्जा सलाहकार