उदयपुर

पूर्णिमा पर उदयपुर की झीलों में ब्राह्मणों ने क‍िया श्रावणी उपाकर्म

ब्राह्मण समाज के लोगों ने शहर की झीलों में कि‍या तर्पण और ऋषि पूजन

उदयपुरAug 23, 2021 / 03:54 pm

madhulika singh

shravani upakarma

उदयपुर. रक्षाबंधन का पर्व एक ओर जहां भाई-बहन के अटूट रिश्ते को राखी की डोर में बांधता है, वहीं यह वैदिक ब्राह्मणों को वर्ष भर में आत्मशुद्धि का अवसर भी प्रदान करता है। वैदिक परंपरा अनुसार वेदपाठी ब्राह्मणों के लिए श्रावण मास की पूर्णिमा सबसे बड़ा त्योहार है। इसी के तहत श्रावण पूर्णिमा पर ब्राह्मणों द्वारा शहर के पिछोला व अन्य झीलों पर श्रावणी उपाकर्म किया गया। द्विवेदी वेद संस्थान व सहस्र औदिच्य गोरवाल समाज की ओर से मांझी के घाट पर श्रावणी उपाकर्म कोरोना प्रोटोकॉल के तहत रविवार सुबह 11 बजे से किया गया।
आचार्य रवि सुखवाल के मतानुसार , श्रावणी पूर्णिमा पर यजमानों के लिए कर्मकांड यज्ञ, हवन आदि करने की जगह ब्राह्मण खुद अपनी आत्मशुद्धि के लिए तर्पण और ऋषि पूजन करते हैं। श्रावणी उपाकर्म उत्सव में यजुर्वेदीय वैदिक विधि से हेमाद्री प्राक्त, प्रायश्चित संकल्प, सूर्याराधन , दस विधि स्नान, पितृ तर्पण, सूर्योपस्थान, यज्ञोपवीत धारण, प्राणायाम, अग्नि होत्र एवं ऋषि पूजन किया जाता है। पं.अभिनव द्विवेदी के अनुसार पंचगव्य महा औषधि है। श्रावणी में दूध, दही, घृत, गोबर, गोमूत्र प्राशन कर शरीर के अंत:करण को शुद्ध किया जाता है।

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