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उदयपुर

वसुंधरा राजे ने तोड़ी चुप्पी, कहा- लोग उसी उंगली को सबसे पहले काटना चाहते हैं जिसको पकड़कर चलना सीखे हैं

राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) का एक बयान चर्चा में है। ऐसा माना जा रहा है कि काफी समय बात पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने चुप्पी तोड़ी है और इशारों-इशारों में बड़ी बात कही है।

उदयपुरJun 23, 2024 / 08:08 pm

Suman Saurabh

उदयपुर। राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) का एक बयान चर्चा में है। उन्होंने कहा “वफा का वो दौर अलग था जिस समय राजनीति में आगे बढ़ाने वाले व्यक्ति का सम्मान होता था और वह उसका हमेशा साथ देता था। वहीं वर्तमान समय मे ऐसा नहीं होता… आज लोग उसी उंगली को सबसे पहले काटना चाहते हैं जिसको पकड़कर चलना सीखें हैं।” राजे ने यह बात उदयपुर में सुन्दर सिंह भण्डारी चेरिटेबल ट्रस्ट के कार्यक्रम के दौरान कही।

वसुंधरा राजे ने इशारों-इशारों में कह दी बड़ी बात

ऐसा माना जा रहा है कि काफी समय बात पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने चुप्पी तोड़ी है और इशारों-इशारों में बड़ी बात कही है। उनका इशारा उन लोगों की ओर था जिसे उन्होंने कभी राजस्थान की राजनीति में आगे बढ़ाया, लेकिन आज उनकी राजनीति बदल गई है। यह बयान इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन अपेक्षा अनुकूल नहीं रहा। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि शायद वसुंधरा राजे को उनके कद के अनुरूप जिम्मेदारियों से वंचित रखा जिसका पार्टी को नुकसान हुआ।

पिछले दिनों, भाजपा नेेता व पूर्व सांसद सुमेधानंद सरस्वती का वसुंधरा राजे को लेकर बड़ा बयान सामने आया था। जिसमें वसुंधरा राजे को लेकर उन्होंने कहा था कि वे बड़ी लीडर हैं। पता नहीं क्यों वे चुनाव में कहीं नजर नहीं आईं, अगर वो प्रचार के लिए आतीं तो सीटों पर बड़ा फायदा मिलता। वो चुनावों में क्यों नजर नहीं आईं, इसका कारण मुझे नहीं पता, लेकिन उनके आने से फायदा जरूर होता।

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कार्यक्रम में राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया भी मौजूद रहे

जिस कार्यक्रम वो पहुंची थीं, वहां पर असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया भी मौजूद रहे। इस दौरान कटारिया की मंच पर एक कार्यकर्ता से बहस भी हो गई। बताया जा रहा है कि बुजुर्ग कार्यकर्ता पूर्व मुख्यमंत्री का सम्मान करना चाहता था, लेकिन कटारिया ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने कार्यकर्ता को जबरन मंच से उतार दिया है। यह कार्यक्रम जनसंघ के संस्थापक सदस्य रहे सुंदर सिंह भंडारी की पुण्यतिथि और संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया।

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