आश्रम से मिली जिंदा होने की सूचना
आश्रम पदाधिकारियों ने बंदूलाल के बताए पते की छानबीन की तो परिवार का पता चल गया। आश्रम प्रभारी सुल्तान सिंह ने बताया कि बंदूलाल के परिजनों से संपर्क होने पर वे उदयपुर आए थे। उसके भाई छोटेलाल, ऋषि और भतीजा मोनू उदयपुर आकर बंदूलाल को साथ ले गए। बंदूलाल के परिजनों ने बताया कि उनका परिवार महेंद्रपुर भोगा भतगामा पुरनिया बिहार में रहता है। मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने से बंदूलाल 5 साल पहले कोरोना काल में घर से निकल गया था। काफी तलाश पर भी पता नहीं चला तो परिजनों ने कोरोना से मृत मान लिया। आखिर 5 साल बाद आश्रम से बंदूलाल के जिंदा होने की सूचना मिली। आश्रम सचिव गोपाल कनेरिया ने बताया कि आश्रम अध्यक्ष सुरेश विजयवर्गीय, वित्त सचिव राजेश गर्ग, सुनील चौहान, शुभम विजयवर्गीय, अल्पना गर्ग, सहसचिव भूपेंद्र शर्मा ने बंदूलाल को घर के लिए विदा किया।
चार साल बाद मिले चाचा-भतीजा
लक्ष्मण मीणा को 11 मार्च को आश्रम में लाया गया था। यहां उपचार के बाद परिवार की जानकारी मिली। सूचना पर परिवार कस्तूरी नगर सहीच कलोल अहमदाबाद गुजरात से उदयपुर आया। लक्ष्मण का भाई दिनेश उसे सकुशल घर ले गया।