पत्रिका टीम साढ़े नौ बजे स्कूल पहुंची तो एक कमरे में पहली से पांचवीं कक्षा तक के 13 बच्चों के साथ शिक्षिका सुषमा शर्मा मिली। बच्चों से दूध के बारे में पूछा तो वे बोले अभी नहीं पिलाया है। इस स्कूल में 25 बच्चे नामांकित है जिन पर दो शिक्षक लगे हुए हैं। शिक्षिका ने बताया कि प्रधानाध्यापक देवेन्द्र प्रसाद आमेटा दूध लेकर आते हैं लेकिन आज वह स्कूल में बिजली कनेक्शन के काम से देरी से आएंगे, इसलिए दूध नहीं आया है। बाद में प्रार्थना करवाई गई और टीम की मौजूदगी देख शिक्षिका ने दो बच्चों को रेलवे लाइन पार कर डेयरी से दो किलो 550 ग्राम दूध लाने के लिए भेज दिया गया। सवा दस बजे बच्चे दूध लेकर लौटे।
READ MORE : VIDEO : पं. विश्व मोहन भट्ट की ‘डेजर्ट स्टॉर्म’ की सुरीली पेशकश आपको उनका कायल कर देगी, देखें वीडियो…. बच्चों ने रसोई का ताला खोलकर दूध रखा और हैण्डपंप से बाल्टी भरके पानी लाए। साढ़े दस बजे स्कूल पहुंची कूक कम हैल्पर पुष्पा ने दूध गर्म किया। बच्चों ने बताया मंगलवार को फल मिलता है लेकिन बीते मंगलवार को नहीं मिला। मैडम ने बताया कि सर बिछड़ी कॉन्फ्रेंस में गए थे तो फल नहीं लाए।
आज के बाद बच्चों से दूध नहीं मंगवाएंगे। दो दिन से विद्यालय संबंधी आवश्यक कार्य से ही स्कूल देरी से पहुंचा था। — देवेन्द्र प्रसाद आमेटा प्रधानाध्यापक