वहीं जयपुर से आई दूसरी इमरजेंसी रेस्पॉंन्स टीम (इआरटी) बुधवार को वापस लौट गई। अब आदमखोर पैंथर के रेस्क्यू ऑपरेशन को स्थानीय अधिकारी ही लीड करेंगे। संभागीय मुख्य वन संरक्षक एसआरवी मूर्थी और सुनील छिद्री ऑपरेशन को संभालेंगे। राज्य स्तरीय अधिकारी जयपुर से ऑपरेशन की मॉनिटरिंग करेंगे। बता दें कि पैंथर की तलाश में वन विभाग, पुलिस एवं प्रशासन की टीम बड़गांव पंचायत समिति के राठौड़ों का गुड़ा और केलवों का खेड़ा गांव में तैनात है।
वन विभाग कार्यालय में हुई मैराथन बैठक
इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम (इआरटी) को लीड कर रहे अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) राजेश गुप्ता ने बुधवार को वापस लौटने से पहले गोगुंदा के वन विभाग कार्यालय में ऑपरेशन से जुड़े अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें ऑपरेशन को आगे बढ़ाने को लेकर निर्देश दिए। कहा कि जंगल में पैंथर के पगमार्क मिलने से ऑपरेशन को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। सभी अधिकारियों को टीम भावना से काम करने के निर्देश दिए।पगमार्क बता रहे पैंथर स्कूल की तरफ बढ़ता गया
अब वन अधिकारियों का मानना है कि पग मार्क से पैंथर के यहीं होने का अंदेशा है। ये उसके जंगल से स्कूल की ओर बढ़ने के संकेत देते हैं। इआरटी में शामिल अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक गुप्ता, रणथंभौर के फील्ड डायरेक्टर अनूप केआर और केवलादेव नेशनल पार्क के डीएफओ मानस सिंह ने जंगल में घूमकर नए सिरे किए इंतजाम का जायजा लिया।फोटो ट्रेप कैमरे के परिणाम में देरी, इसलिए लगाए सीसीटीवी
वन विभाग ने अब तक जंगल में फोटो ट्रैप कैमरा ही लगाए थे। इससे पैंथर का मूवमेंट ट्रैक करने में समय लग रहा था। इसमें समय भी अधिक लग रहा था। इसलिए पहली बार जंगल में सड़क से जुड़े हिस्सों में चार सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। जो सोलर पैनल से काम करेंगे। सीसीटीवी का एक्सेस राठौड़ों का गुढ़ा के नजदीक एक होटल में लगाया है, वहीं एक टीम और कुछ अधिकारियों को दिया है। इसकी लगातार निगरानी की जाएगी। सीसीटीवी फुटेज में जैसे ही पैंथर दिखेगा, उसे ट्रेंक्यूलाइज या शूट करने वहां तैनात टीम को अलर्ट कर देंगे।आशंकाओं के बादल छंटे, अब फोकस एक ही जगह
आठ दिन से पैंथर का मूवमेंट नहीं मिलने से तमाम तरह की आशंकाएं उत्पन्न हो रही थी। ऐसे में पग मार्क दिखना अधिकारियों के लिए महत्वपूर्ण संकेत है। अब उनका ज्यादा फोकस राठौडों का गुढ़ा के आसपास है। माना जा रहा है कि इस इलाके में लोगों की आवाजाही कम करने से पैंथर लम्बे समय बाद घने जंगल से बाहर निकला है। बता दें कि एक अक्टूबर को केलवों का खेड़ा में कमला कुंवर पर हमला कर मार देने के बाद तथा इससे पहले विष्णु पुजारी पर हमला करने के बाद पैंथर का इसी एरिया में नाले के पास मूवमेंट रहा।सायरा क्षेत्र में किया दो पशुओं का शिकार
उधर, मंगलवार रात सायरा थाना क्षेत्र के पदराड़ा गांव में पैंथर ने घर के पास बाड़े में बंधे गाय के दो बछड़ों पर हमला कर मार दिया। ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना देकर पिंजरा लगाने की मांग की। पैंथर ने पूर्व सरपंच हरिसिंह राणावत के घर के परिसर में बंधे दो बछड़ों का शिकार किया। सुबह जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे और वन विभाग को सूचना दी। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 10 दिन से पदराड़ा गांव के आस-पास पैंथर का मूवमेंट बढ़ा है। इससे पहले पैंथर यहां एक गाय का शिकार कर चुका है। हालांकि यह जगह गाेगुंदा से करीब 45 किमी दूरी बताई है। वहीं सुआवतों का गुढा गांव के बंशीलाल मेघवाल ने बताया कि सोमवार रात करीब 11.30 बजे पदराड़ा के पेट्रोल पंप के पास पैंथर देखा था। मंगलवार दोपहर को सड़क किनारे एक गाय मृत मिली थी। उनका अंदेशा है कि पैंथर ने ही गाय को मारा है।इनका कहना …
तीन दिन में ऑपरेशन का रिव्यू कर कुछ व्यवस्थाओं में सुधार किया है। इसमें कोर एरिया में शाम के बाद लोगों की आवाजाही रोकना महत्वपूर्ण रही। पहली बार जंगल में सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। यदि पैंथर मूवमेंट करता है तो इससे उसकी लाइव लोकेशन ट्रेस करने में मदद मिलेगी। रात के समय ट्रेकिंग के लिए नाइट विजन दूरबीन भी उपलब्ध कराई है। काफी समय बाद पैंथर के पग मार्क दिखाई देना ऑपरेशन को आगे बढ़ाने के लिए सकारात्मक संकेत हैं। उम्मीद है जल्द कामयाबी मिलेगी। राजेश गुप्ता, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक (वन्यजीव)