इस इलाके में पैंथर के हमले में मौत की पहली घटना 19 सितम्बर को सुबह हुई, जब सवेरे 8 बजे छाली ग्राम पंचायत के उंडीथल गांव से पास के जंगल में बकरियां चराने गई 15 वर्षीय किशोरी कमला को पैंथर ने अपना शिकार बना लिया। इसी दिन शाम 6.30 बजे भेवड़िया गांव निवासी खुमाराम गमेती (50) को पैंथर ने अपना शिकार बनाया। दूसरे दिन 20 सितम्बर को शाम 6.30 बजे अपने खेत पर चारा काट रही उमरिया गांव की निवासी महिला हमेरी भील (50) को मार दिया। महज 36 घंटे में तीन इंसानों के शिकार से प्रशासन एवं वन विभाग में हड़कम्प मच गया। तीनों घटनाएं छाली ग्राम पंचायत में हुई।
ऐसे में वन विभाग ने उदयपुर, जोधपुर, राजसमंद व सिरोही जिलों की रेस्क्यू टीमाें और सेना की मदद से पैंथर का सर्च ऑपरेशन चलाया। 7 टीमों में 60 से अधिक कर्मचारी-अधिकारी रात-दिन पैंथर को तलाशने में जुटे रहे। काफी मशक्कत के बाद आखिरकार 23 सितम्बर की रात छाली ग्राम पंचायत के उमरिया गांव में दो अलग-अलग पिंजरों में दो पैंथर कैद हुए।
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दो पैंथर पकड़ में आने के बाद प्रशासन व वन विभाग ने राहत की सांस ली थी। माना जा रहा था कि ‘नरभक्षी’ पैंथर पकड़ा गया, लेकिन इसी बीच 25 सितम्बर को शाम 7 बजे मजावद ग्राम पंचायत के कुंडाऊ गांव की भील बस्ती से पैंथर 6 वर्षीय बालिका सूरज गमेती को उठाकर ले गया। 27 सितम्बर की रात इसी इलाके में एक और पैंथर पिंजरे में कैद हो गया। प्रशासनिक अमले ने सुकून की सांस ली ही थी कि 28 सितम्बर की शाम को गुर्जरों का गुड़ा गांव में मवेशियों के लिए चारा लेने गई गटू बाई गुर्जर (55) को पैंथर ने निवाला बना लिया। इस बीच पहले तीन शिकार वाले क्षेत्र छाली ग्राम पंचायत में एक और पैंथर पिंजरे में कैद हो गया। इधर, रविवार को गुस्साए ग्रामीणों ने दोपहर 12:15 बजे गोगुंदा-झाड़ोल मार्ग पर जाम लगा दिया। जो दोपहर दो बजे बाद हट पाया।