उदयपुर जिले में वर्तमान में गो-वंशीय पशुओं में लम्पी स्किन डिजीज तीव्रता से फैल रही है। सबसे पहले इससे बचाव के लिए जागरूकता एवं टीकाकरण पर जोर दिया गया है। गांव-गांव जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं, लेकिन संक्रमित पशुओं की संख्या बढ़ रही है। उदयपुर जिले में पशुपालन विभाग अभी दो उपायों पर विशेष काम कर रहा है। एक रोग फैलने से रोकना तथा दूसरा संक्रमित पशुओं का तुरन्त उपचार करना। जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने प्रशासनिक अधिकारियों को भी गांवों के हालात देखने भेजा है। पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. भूपेन्द्र भारद्वाज बताते हैं कि जिले में रेपिड रेस्पोंस टीम बना रखी है, जिसके पास कहीं से भी इस रोग की सूचना प्राप्त होने पर इस रोग को फैलने से रोकने के उपाय एवं संक्रमित पशुओं की चिकित्सा करती है।
उदयपुर जिले में रोग एक नजर में 30913 पशु रोग से संक्रमित हुए 545 पशुओं की मृत्यु हुई है 24181 पशु अभी बीमारी से ग्रसित 6732 पशु पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुके
29720 पशुओं को रोग निरोधक टीके लगा चुके 17 रेपिड रेस्पोंस टीमें बनाई जिले में 267 विलेज सर्विलेंस टीमें बनाई उदयपुर संभाग में लम्पी के हालात जिला…. कुल पशु संक्रमित…. वर्तमान में रोग ग्रस्त…. अब तक पशुओं की मौत
उदयपुर… 30913… 24181… 545 राजसमंद… 11500… 11265… 235 चित्तौडगढ़़… 3500… 2800… 50 प्रतापगढ़… 3085… 2522… 36 बांसवाड़ा… 2489… 1783… 96 डूंगरपुर… 1689… 1512… 11 कुल… 53176… 44063… 973
बारिश हुई तो संक्रमण बढ़ने की आशंका पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ.सूर्यप्रकाश त्रिवेदी कहते हैं कि उदयपुर जिले में झाड़ोल में सबसे ज्यादा केस सामने आए है। इसके दो कारण है। एक तो वहां समूह में पशुओं को चरने के मामले सामने आए और दूसरा बारिश ज्यादा होने से वहां संक्रमण बढ़ा है। वे बताते हैं कि बारिश और होगी तो संक्रमण बढ़ने की आशंका है।
संभाग में 1.82 लाख से भी अधिक पशुओं का किया टीकाकरण
लम्पी वायरस को लेकर पशुपालन विभाग ने संभाग के अधिकारियों से कहा कि वे अपने जिलों में टीकाकरण कार्यक्रम को गति प्रदान करें। पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. भूपेन्द्र भारद्वाज ने संयुक्त निदेशकों से कहा कि वे अपने जिले में कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं , भामाशाहों एवं जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क कर इस रोग की रोकथाम में उनका सहयोग करें। वरिष्ठ प्रशिक्षण अधिकारी डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने बताया कि उदयपुर संभाग मे अब तक 182870 पशुओ को इस रोग से बचाव का टीका लगाया जा चुका है। उदयपुर जिले में अब तक 33,255, चित्तौड़गढ़ जिले में 45,087, डूंगरपुर में 4900, बांसवाड़ा में 50,000, राजसमन्द में 4762, प्रतापगढ़ जिले में 44866 पशुओं को इस रोग से बचाव के टीके लगाए जा चुके हैंं।
लम्पी वायरस को लेकर पशुपालन विभाग ने संभाग के अधिकारियों से कहा कि वे अपने जिलों में टीकाकरण कार्यक्रम को गति प्रदान करें। पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. भूपेन्द्र भारद्वाज ने संयुक्त निदेशकों से कहा कि वे अपने जिले में कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं , भामाशाहों एवं जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क कर इस रोग की रोकथाम में उनका सहयोग करें। वरिष्ठ प्रशिक्षण अधिकारी डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने बताया कि उदयपुर संभाग मे अब तक 182870 पशुओ को इस रोग से बचाव का टीका लगाया जा चुका है। उदयपुर जिले में अब तक 33,255, चित्तौड़गढ़ जिले में 45,087, डूंगरपुर में 4900, बांसवाड़ा में 50,000, राजसमन्द में 4762, प्रतापगढ़ जिले में 44866 पशुओं को इस रोग से बचाव के टीके लगाए जा चुके हैंं।