नेपाल-थाईलैंड में भी पूजे जाते हैं भगवान शिव, थाईलैंड में भगवान शिव को क्या कहा जाता है जानिए..
दोनों देशों की सरकारों द्वारा जारी करेंसी और डाक टिकटों पर विराजमान हैं भोलेनाथ, शहर के संग्रहकर्ता महेंद्र के पास है इन करेंसी व डाक टिकटों का अनूठा संग्रह
नेपाल और थाईलैंड जैसे देशों में हिंदू संस्कृति के देवी-देवताओं की मान्यता है और केवल भगवान श्रीराम ही नहीं बल्कि भगवान भोलेनाथ को भी आराध्य देव माना और पूजा जाता है। इसलिए वहां की सरकारों ने अपने पेपर नोट करेंसी और डाक टिकटों में भगवान शिव को स्थान दिया है। शहर के संग्रहकर्ता महेंद्र शर्मा के पास इनका अनूठा संग्रह है।
थाईलैंड के 5 भात के डाक टिकट में शिव-पार्वती भी
शर्मा ने बताया कि इसी तरह थाईलैंड के डाक टिकटों में भोले बाबा को दिखाया गया है। ये डाक टिकट 5 भात का है । इन डाक टिकटों को भगवान शिव और पार्वती माता को साथ में और भगवान शिव को अकेले भी दर्शाया गया है। शिव, जिसे आमतौर पर थाई भाषा में फ्राइस्सुआन के नाम से जाना जाता है, का कर्तव्य पृथ्वी पर सभी बुरी चीजों को नष्ट करना है। इस देवता की तीन आंखें और सफेद रंग है। पारंपरिक थाई मान्यता के अनुसार, शिव पृथ्वी पर वर्ष में एक बार दस दिवसीय दौरे पर आते हैं। यह यात्रा पहले चंद्र माह में ढलते चंद्रमा की सातवीं रात को शुरू होती है और उसी महीने में ढलते चंद्रमा की पहली रात को समाप्त होती है। ये डाक टिकट उनके संग्रह में 25 वर्षों से संग्रहित हैं। उनके संग्रह में 210 देशों के पेपर नोट करेंसी संग्रहित है।
नेपाल के 10 रुपए के नोट और डाक टिकट पर महादेव
शर्मा ने बताया कि नेपाल के भोलेनाथ वाले नोट की लंबाई 14 सेंमी. और और चौड़ाई 8 सेंमी. है। इस नोट में भगवान भोलेनाथ को बर्फीले पहाड़ों पर त्रिशूल और डमरू के साथ दिखाया गया है। 10 रुपए के इस नोट पर गवर्नर के रूप में नरेंद्र राज के हस्ताक्षर किए गए हैं। इसी तरह नेपाल के डाक टिकट 5 पैसे 1.25 रुपए और 2 रुपए के हैं, जिन पर भी भगवान भोलेनाथ दर्शाए गए हैं। 2 रुपए के टिकट पर जंगे महादेव, बांके लिखा है
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