अल-नीनो हुआ प्रभावी
मौसम विभाग के अनुसार प्रशांत महासागर में अल-नीनो की स्थितियां बनना शुरू हो चुकी हैं। धीरे-धीरे यह प्रभाव और मजबूत हो रहा है। साथ ही हिंद महासागर में भी आईओडी की सकारात्मक स्थितियां बनेंगी। अल-नीनो का प्रभाव देशभर के मानसून पर पड़ेगा। राजस्थान के साथ-साथ गुजरात, महाराष्ट्र के कुछ हिस्से व दक्षिण भारतीय राज्यों में सामान्य से कम बरसात होगी। वहीं हिमालय रीजन, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में सामान्य से अधिक बरसात हो सकती है। राजस्थान में अगस्त माह में पश्चिमी हिस्से में सामान्य से कम बरसात होगी, वहीं पूर्वी व दक्षिणी हिस्से में सामान्य बरसात होने के कुछ आसार हैं। रात का तापमान सामान्य से काफी अधिक रहेगा।
राजस्थान के मौसम में अगले दो माह बड़ा फेरबदल, अलनीनो की स्थिति
सूखा पड़ने की आशंका नहीं
चार महीने के मानसून सीजन की सर्वाधिक बरसात प्रदेश में अगस्त महीने में ही होती है, लेकिन इससे उलट इस बार जून-जुलाई में अच्छी बरसात हो चुकी है। प्रदेश में चार महीने के सीजन में औसतन 435.6 मिमी बरसात होती है, जबकि 1 जून से 31 जुलाई तक प्रदेश में 385.3 मिमी बरसात हो चुकी है। औसत आकंड़े तक पहुंचने में अब केवल 50 मिमी बरसात होना और शेष है। यदि आगामी दो महीने में बरसात के तीन-चार चरण भी आ जाते हैं तो यह औसत बरसात का आंकड़ा पार हो जाएगा। ऐसे में प्रदेश में सूखा पड़ने की आशंका नहीं है।
चित्तौड़गढ़-धौलपुर में हुई बरसात
जुलाई महीने में यूं तो ज्यादातर जिलों में सामान्य से काफी अधिक बरसात हुई है, मगर चित्तौड़गढ़ और धौलपुर में कम बरसात हुई। चित्तौड़गढ़ में सामान्य से 21 फीसदी व धौलपुर में 31 फीसदी कम बारिश हुई है। वहीं बीकानेर में 119 फीसदी अधिक, जैसलमेर में 114 , झुंझुनूं में 113, श्रीगंगानगर में 103, बाड़मेर में 94, सीकर में 94 व जयपुर में 63 फीसदी अधिक बरसात हुई है।