Rajivika News : इरादे नेक हों और हौसले बुलंद, तो सफलता जरूर कदम चूमती है
राजीविका ने बदली तकदीर, मुर्गीपालन व्यवसाय से रेखा हुई आत्मनिर्भर
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इरादे नेक हों और हौसले बुलंद, तो सफ लता जरूर कदम चूमती है
अब नियमित रूप से हो रही अच्छी आय
उदयपुर. हार हो जाती है, जब मान लिया जाता है। जीत तब होती है, जब ठान लिया जाता है। इरादे नेक हों और हौसले बुलंद, तो सफ लता जरूर कदम चूमती है। स्वावलंबन की चाहत रखने वाली उदयपुर जिले के आदिवासी अंचल के नयागांव की रेखा मीणा मुर्गीपालन व्यवसाय के जरिए अब आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ा रही हैं। इसमें उन्हें सहायता मिली राजीविका यानी राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परियोजना से।
राजीविका से फायदा
जायरा निवासी रेखा राजीविका के ग्राम संगठन जय अम्बे के समूह श्री गणेश से जुड़ीं। कालांतर में वह क्लस्टर कॉर्डिनेटर बनी और काम शुरू किया। राजीविका की ओर से समय- समय पर उन्हें विभिन्न योजनाओं मनरेगा कन्वर्जेंस उत्पादक समूह के माध्यम से बकरी पालन, कम ब्याज पर लोन आदि से लाभान्वित किया गया।
तकनीकी मदद से भी मिला फायदा
अंडे एवं मुर्गियों के बिक्री से उन्हें लगभग 41, 720 रुपए की आय अर्जित हुई। इस राशि से उन्होंने नये 50 चूजे और खरीद लिए है। उन्होंने बताया कि मुर्गा पालन के लिए भी उन्हें 3 दिवसीय ट्रेनिंग मिली। किसी भी प्रकार की तकनीकी सहायता के लिए एक एलएमपी को नियुक्त किया गया जो समय समय पर उनके घर आकर नि:शुल्क टीकाकरण करते है। साथ ही कई तरह की बीमारियों से होने वाली बीमारियों से मुर्गो की रक्षा करते है।
१५ हजार की मिली आर्थिक सहायता
रेखा ने बताया कि जब उन्हें राजीविका के क्लस्टर लेवल फैडरेशन यानी सीएलएफ के माध्यम से नई योजना आईपीपीपी की जानकारी हुई तो वह इससे जुड़ गई। योजना के तहत समूचे खेरवाड़ा एवं नयागांव ब्लॉक में 80 लाभार्थियों को चयनित किया गया, जिसमें से रेखा एक थीं। रेखा को मुर्गी घर निर्माण के लिए 15 हजार रुपए की आर्थिक सहायता मिली । उन्होंने 200 मुर्गियों को रखने लायक बड़ा मुर्गीघर बनाया। सीएलएफ की ओर से उन्हें प्रतापधन प्रजाति के 28 दिन आयु के 200 चूजे प्रदान किए गए।
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