खरना मनाया शुक्रवार शाम को घरों में छठ मैया की पूजा की और उन्हें चना दाल व लौकी की सब्जी के साथ चावल का भोग लगाया गया। इसी प्रसाद से श्रद्धालुओं ने पूरे दिन का व्रत खोला। वहीं शनिवार को खरना पर शाम को खीर और अखरा रोटी बनाकर प्रसाद के रूप में ग्रहण किया । इसके बाद 36 घंटे का उपवास शुरू हुआ। 19 नवंबर की शाम को घाट पर जाकर डूबते हुए सूर्य की पूजा करके अर्घ्य दिया जाएगा। रातभर भजन-कीर्तन के साथ ही अगले दिन 20 नवंबर को तड़के उगते हुए सूर्य भगवान की पूजा होगी और अर्घ्य दिया जाएगा।