मुझे शो से अलग होना पड़ा
सुनिधि चौहान ने बताया कि उन्हें भी कंटेस्टेंट्स की तारीफ करने के लिए कहा जाता था। सिंगर ने ये भी बताया कि उन्होंने शो को क्यों छोड़ा? सुनिधि ‘इंडियन आइडल’ के पांचवें और छठे सीजन में बतौर जज नजर आई थीं। लेकिन इसके बाद दिखाई नहीं दी। ऐसे में सुनिधि ने कहा, ‘ऐसा बिल्कुल नहीं है कि सबकी तारीफ करनी ही है। लेकिन ये जरूर है कि हम सबको तारीफ करने के लिए कहा जाता था। इसलिए मैं शो को लेकर आगे नहीं बढ़ पाई। मैं वो नहीं कर पाई, जो वो चाहते थे। ऐसे में मुझे शो से अलग होना पड़ा। आज मैं किसी रियलिटी शो को जज नहीं कर रही हूं।’
सुनिधि चौहान ने बताया कि उन्हें भी कंटेस्टेंट्स की तारीफ करने के लिए कहा जाता था। सिंगर ने ये भी बताया कि उन्होंने शो को क्यों छोड़ा? सुनिधि ‘इंडियन आइडल’ के पांचवें और छठे सीजन में बतौर जज नजर आई थीं। लेकिन इसके बाद दिखाई नहीं दी। ऐसे में सुनिधि ने कहा, ‘ऐसा बिल्कुल नहीं है कि सबकी तारीफ करनी ही है। लेकिन ये जरूर है कि हम सबको तारीफ करने के लिए कहा जाता था। इसलिए मैं शो को लेकर आगे नहीं बढ़ पाई। मैं वो नहीं कर पाई, जो वो चाहते थे। ऐसे में मुझे शो से अलग होना पड़ा। आज मैं किसी रियलिटी शो को जज नहीं कर रही हूं।’
लोगों का ध्यान खींचने के लिए ऐसा किया जाता है
सुनिधि ने कहा कि हमने कभी शो के जज नेहा कक्कड़, हिमेश रेशमिया और विशाल ददलानी को कंटेस्टेंट्स सही करते नहीं सुना। हमें अमित कुमार के उस इंटरव्यू को नहीं भूलना चाहिए, जिसमें उन्होंने कहा था कि कैमरों पर जाने से पहले उन्हें कहा गया था कि उन्हें सभी कंटेस्टेंट्स की तारीफ करनी है। इसके बाद सुनिधि कहती हैं कि मुझे लगता है कि ये लोगों का ध्यान खींचने के लिए किया जाता है। मेकर्स अपने दर्शकों को बांधे रखने के लिए ऐसा करते हैं। शायद ये काम करता हो।
सुनिधि ने कहा कि हमने कभी शो के जज नेहा कक्कड़, हिमेश रेशमिया और विशाल ददलानी को कंटेस्टेंट्स सही करते नहीं सुना। हमें अमित कुमार के उस इंटरव्यू को नहीं भूलना चाहिए, जिसमें उन्होंने कहा था कि कैमरों पर जाने से पहले उन्हें कहा गया था कि उन्हें सभी कंटेस्टेंट्स की तारीफ करनी है। इसके बाद सुनिधि कहती हैं कि मुझे लगता है कि ये लोगों का ध्यान खींचने के लिए किया जाता है। मेकर्स अपने दर्शकों को बांधे रखने के लिए ऐसा करते हैं। शायद ये काम करता हो।
सारा खेल टीआरपी का है
सुनिधि आगे कहती हैं कि इसमें कंटेस्टेंट्स का ही नुकसान है। कंटेस्टेंट को अपनी कहानियों के कारण रातोंरात तारीफ और पहचान मिलती है। ऐसे में अच्छा करने की उनकी भूख कम हो जाती है। हां, उनमें से कुछ कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन रातों-रात फेम उन्हें मनोवैज्ञानिक रूप से प्रभावित करता है। इसमें कंटेस्टेंट्स की गलती नहीं है। ये सारा खेल टीआरपी का है। बता दें कि कुछ वक्त पहले किशोर कुमार के बेटे अमित कुमार ने कहा था कि उन्हें कंटेस्टेंट्स की तारीफ करने के लिए कहा गया था। जिसके बाद से ही शो को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
सुनिधि आगे कहती हैं कि इसमें कंटेस्टेंट्स का ही नुकसान है। कंटेस्टेंट को अपनी कहानियों के कारण रातोंरात तारीफ और पहचान मिलती है। ऐसे में अच्छा करने की उनकी भूख कम हो जाती है। हां, उनमें से कुछ कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन रातों-रात फेम उन्हें मनोवैज्ञानिक रूप से प्रभावित करता है। इसमें कंटेस्टेंट्स की गलती नहीं है। ये सारा खेल टीआरपी का है। बता दें कि कुछ वक्त पहले किशोर कुमार के बेटे अमित कुमार ने कहा था कि उन्हें कंटेस्टेंट्स की तारीफ करने के लिए कहा गया था। जिसके बाद से ही शो को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।