काव्या फोन पर अपने वकील से कहती है कि किसी भी हालत में डिवोर्स जल्दी करवाए। अनुपमा फिर वनराज के पास लंबू मुच्छड़ शाह कहते हुए जाती है और कहती है कि उसे सिर्फ गुस्सा करना मालूम है बिल्कुल उसकी मां की तरह। वो उसमें सिर्फ कमियां देखता था और वो उसकी अच्छाई देखती थी। वो उसे इम्प्रेस करने के लिए खाना बनाया करती थी और वो उसके पास से सिर्फ मसाले की खूशबू सूंघकर बुरा फील करता था। उनके बीच कुछ तो था भले ही वो प्यार नहीं था क्योंकि उसने फिल्मी प्यार तो काव्या से किया। दोनों की बीच कुछ तो था जिसने उन्हें 25 सालों तक बांधे रखा और उसने उसे काव्या के बारे में नहीं बताया था। अनुपमा कहती है कि वो लोग सुई और धागे की तरह थे जिन्होंने पूरे परिवार को एक साथ रखा। वो सोचती थी कि वो कभी अलग नहीं होंगे लेकिन सुई को नया धागा पसंद आ गया और उसने पुराने धागे को फेंक किया। लेकिन पुराना धागा फिर से स्ट्रॉन्ग हो गया है। पुराना धागे ने कभी हर्ट नहीं किया लेकिन सुई ने किया। वनराज कहता है कि सब लोग हैं यहां।
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अनुपमा के लिए परिवार दुखी
अनुपमा कहती है कि सब लोग वहां होंगे लेकिन वो नहीं होगी। उसकी लाइफ में सब सही हो जाएगा लेकिन वो उसके लिए नहीं रहेगी क्योंकि वो उससे प्यार नहीं करता ना ही उसे भूल पाएगा। पूरा परिवार अनुपमा के लिए बुरा फील करता है। अनुपमा कहती रहती है। वो कहती है कि वो हमेशा किसी की यादों में, तानों में और दुआओं में बनी रहेगी। यहां तक कि अगर कोई उससे प्यार नहीं करता है फिर भी वो उनसे बहुत प्यार करती है। वो उनपर टूट पड़ती है।
बा वनराज से बहू (अनुपमा) को उसके कमरे में ले जाने को कहती हैं। वो अनुपमा को ले जाता है। बा किंजल से तोशू के बारे में पूछती हैं। वनराज अनुपमा को बेड पर सुलाने के लिए ले जाता है। वो बेहोशी की हालत में उसकी उंगली पकड़ लेती है और कहती है कि वो उससे मूंछ राजा को प्यार करती है जैसे राधा जी करती थीं कान्हा जी को, लेकिन वो राधा ना बन सकी और मीरा बन गई। जिसे प्यार के बदले में कुछ भी नहीं मिला उससे, कोई उसे उससे ज्यादा प्यार नहीं कर सकता। उसने वनराज को कभी बताया नहीं लेकिन वो उसका चेहरा बिल्कुल नहीं पढ़ सका, वो उसका पहला प्यार था। वनराज खुद को दोषी महसूस करता है और उसके चेहरे से रंग हटाता है।
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राखी ने मानी अपनी गलती
परिवार अनुपमा की कंडीशन देखकर हैरान रह जाता है। किंजल पाखी को संभालती है। राखी माफी मांगती है और इस बात को कुबूल करती है कि वो ही ठंडाई वाला दूध लेकर आई थी। संजय पूछता है कि क्या उसने अनुपमा को वो दिया। किंजल कहती है कि वो ऐसा कर सकती हैं। राखी बताती है कि वो अनुपमा के लिए नहीं था। बा कहती है कि उसने ये अच्छा किया, अनुपमा ने 25 सालों बाद अपने दिल की भड़ास निकाली। वनराज अनुपमा को सुलाकर वहां से चला जाता है। बापू जी कहते हैं कि अभी अनुपमा को होश नहीं है लेकिन जब वो सही होगी तो खुद को दोषी महसूस करेगी।
काव्या वनराज को वीडियो कॉल करती है और उसपर अनुपमा के पहले रंग लगाने पर चिल्लाती है। वनराज बताता है कि अनुपमा खिड़की से उसके ऊपर कूद गई थी क्योंकि उसे भांग का नशा चढ़ा हुआ था। काव्या चिल्लाती है कि उसने उसे रोका क्यों नहीं और उसका परिवार क्या कर रहा था। उसने अनुपमा को उसके बेड पर देखा है। वो पूछती है कि अनुपमा वहां क्या कर रही थी। वनराज फोन डिसकनेक्ट कर देता है और सोचता है कि ये रात किसी तरह निकल जाएगी लेकिन सुबह अनुपमा कैसे रिएक्ट करेगी। वो सोचता है कि काश अनुपमा को कुछ भी याद ना रहे।
अनुपमा सुबह उठती है और उसका सिर हैंगओवर के कारण दर्द करता है और सोचती है कि वो यहां कैसे आई। फिर उसे पिछले दिन का कारनामा ध्यान आता है। वनराज वहां आता है और वो उससे माफी मांगती है। वो उसके लिए नींबू पानी लेकर आता है और हैंगओवर से छुटकारा पाने के लिए उसे पीती है। वो सबसे माफी मांगती है कि अगर उसने किसी को कुछ कह दिया हो। वो कहता है कि उसे धीरे-धीरे खुद ही सब याद आ जाएगा। अनुपमा पूछती है कि सिर्फ उसे ही भांग का नशा चढ़ा था या किसी और के साथ भी ऐसा हुआ। वो कहता है कि उसने अकेले ही सभी का काम कर दिया है। बा भी परिवार के साथ वहां दाखिल होती हैं और कहती हैं कि वो उसे बेटा की तरह लग रही थीं।
(Precap– वनराज को वकील का नोटिस मिलता है और वो अनुपमा को बताता है कि उन्हें तलाक को फाइनल करने के लिए तीन दिन बाद कोर्ट जाना होगा। ये सुनते ही वो दुखी हो जाती है।)